आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। जनसेना पार्टी के अनुसार, उपमुख्यमंत्री के कार्यालय में एक अज्ञात शख्स ने धमकी भरे फोन किए और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
धमकी भरे कॉल से उपजी चिंता
जनसेना पार्टी ने सोशल मीडिया के जरिए इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धमकी देने वाले ने फोन पर उपमुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। जैसे ही इस घटना की सूचना मिली, पवन कल्याण के कार्यालय के अधिकारियों ने तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस घटना की जानकारी दी।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि धमकी देने वाले शख्स की पहचान के लिए कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और मैसेज ट्रेस करने की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस ने कहा है कि जल्द ही धमकी देने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि कॉल किस स्थान से किया गया और इसके पीछे क्या मकसद था।
हाल ही में सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर जताई थी चिंता
गौरतलब है कि पिछले महीने पवन कल्याण ने राज्य विधानसभा में "सोशल मीडिया दुरुपयोग संरक्षण विधेयक" पेश करने का प्रस्ताव रखा था। इस दौरान उन्होंने ऑनलाइन उत्पीड़न के मुद्दों पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया था। उन्होंने कहा था कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का लगातार गलत उपयोग हो रहा है, जो समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने सार्वजनिक हस्तियों और खासकर महिलाओं को ऑनलाइन उत्पीड़न से बचाने के लिए कड़े कानून बनाने की अपील की थी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद राज्य के राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। जनसेना पार्टी ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि ऐसी धमकियां पवन कल्याण को उनके कर्तव्यों से नहीं डिगा सकतीं।
निष्कर्ष
पवन कल्याण को मिली इस धमकी ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनसेना पार्टी और पुलिस प्रशासन दोनों ही मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।