एम.पी. ट्रांसको का ट्रांसफार्मर रिटायर, लगातार 57 वर्ष तक म?

एम.पी. ट्रांसको का ट्रांसफार्मर रिटायर, लगातार 57 वर्ष तक म?

एम.पी.
ट्रांसको को इटारसी के 220 के.व्ही.
सबस्टेशन का ट्रांसफार्मर 57
वर्षों तक मध्य प्रदेश की
लगातार धड़कन बना रहा। इस
ट्रांसफार्मर को ऊर्जा
विशेषज्ञ इटारसी, भोपाल, बीना,
ग्वालियर, हरदा, पिपरिया
क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था
के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण
मानते थे। राजधानी भोपाल
क्षेत्र और आसपास के औद्योगिक
क्षेत्रों के साथ इटारसी के
सुरक्षा संस्थानों, रेल्वे,
सामाजिक, आर्थिक, व्यावसायिक,
शैक्षणिक विकास में इस
ट्रांसफार्मर की अद्वितीय
भूमिका रही। एम.पी. ट्रांसको ने
इस ट्रांसफार्मर को अच्छी
स्थिति में रिटायर करते समय
गहरे मन से विदाई दी।

ऊर्जा
मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह
तोमर ने कहा है कि मध्यप्रदेश
विद्युत मण्डल द्वारा 1966 में
स्थापित ट्रांसफार्मर की
उत्कृष्ट प्रिवेंटिव मेंटिनेस
और सतत् निगरानी के कारण 57 वर्ष
तक लगातार सर्विस लेकर एक
रिकॉर्ड बनाया गया है। श्री
तोमर ने एम.पी. ट्रांसको के
कार्मिकों को इस बेहतर
मेंटीनेंस के लिए बधाई दी है।

भोपाल,
ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर तक
होता था विद्युत पारेषण

उल्लेखनीय
है कि 220 के.व्ही. सबस्टेशन
पथरोटा इटारसी में सन् 1966 में इस
ट्रासंफार्मर को स्थापित किया
गया था। उस वक्त इटारसी बिजली
विभाग का एक महत्वपूर्ण पावर
सेंटर हुआ करता था, सारणी से
उत्पादित विद्युत सीधे इसी
सबस्टेशन में आती थी। उस समय इस
ट्रांसफार्मर से इटारसी, भोपाल
से लेकर बीना, ग्वालियर, बड़वाहा
होते हुए इंदौर तथा जरूरत पड़ने
पर जबलपुर तक विद्युत पारेषण
किया जाता था।

जापानी
टीम ने भी प्रशंसा की थी भारत के
मेंटनेन्स की

सन्
2015 में जापान की टेपको जाईका टीम
एम.पी. ट्रांसको के दौरे पर आई
थी। उसने भारत में उपकरणों के
मेंटीनेन्स के तरीके और सतत्
निगरानी का निरीक्षण और उसकी
प्रशंसा की थी। टीम के
प्रतिनिधि श्री ओसामु
मातसुजकी ने जबलपुर 220 के.व्ही.
सबस्टेशन के विजिटिंग रजिस्टर
में भी अपनी टिप्पणी दर्ज की
थी। उन्होंने एम.पी. ट्रांसकों
की सराहना करते हुये लिखा था कि
मेंटीनेन्स बेहद व्यवस्थित
तरीके से किया जा रहा है।

जापान
से 1966 में
समुद्री रास्ते से लाया गया था
यह ट्रांसफार्मर

सन्
1966 में पथरोटा इटारसी स्थित 220 के
व्ही सबस्टेशन में इसे स्थापित
करने के लिये इसकी चार यूनिटों
को जापान से समुद्री रास्ते के
द्वारा जहाज से मुम्बई लाया गया
था। जहाँ से रेल के माध्यम से
इसे इटारसी तक पहुँचाया गया।
इसकी प्रत्येक यूनिट का वजन 57 टन
है। इस ट्रांसफार्मर को इटारसी
स्टेशन से पथरोटा स्थित इटारसी
220 के.व्ही सबस्टेशन लाने तक
मजबूत सड़क का निर्माण करवाया
गया था, ताकि इन वजनी
ट्रांसफार्मर का परिवहन
सुरक्षित ढंग से किया जा सके।

25
वर्ष वर्किंग लाइफ रहती है पावर
ट्रासंफार्मर की

सामान्यतः
पावर ट्रासंफार्मरों की
वर्किंग लाइफ 25 वर्ष मानी जाती
है लेकिन एम.पी. ट्रांसको ने
सबस्टेशन के सबसे संवेदनशील
उपकरण पावर ट्रासंफार्मर की
प्रिवेंटिव मेंनेटेनेंस और
सतत् निगरानी कर इसकी वर्किंग
लाइफ बढ़ाने में सफलता हासिल की।
इटारसी में विभिन्न श्रेणी के
विद्युत उपभोक्ताओं के लिए अति
आवश्यक इस ट्रांसफार्मर को एम.पी.
ट्रांसको ने 25 वर्ष पुराने
ट्रासंफार्मर के स्थान पर नया
ट्रासंफार्मर स्थापित करने की
नीति के तहत 220 के.व्ही. सबस्टेशन
पथरोटा इटारसी से अपने 57 वर्ष
पुराने 120 एम.व्ही.ए. पावर
ट्रासंफार्मर को रिटायर कर
उसके स्थान पर 160 एम.व्ही.ए.
क्षमता का पावर ट्रासंफार्मर
स्थापित किया है।