ग्राम-सभाओं के सशक्तिकरण के प्रभावी प्रयास किए जाएं- श्र?

ग्राम-सभाओं के सशक्तिकरण के प्रभावी प्रयास किए जाएं- श्र?

राज्यपाल
श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि
पेसा नियम में ग्राम-सभाओं के
सशक्तिकरण के प्रभावी प्रयास
किए जाएं। उन्होंने कहा कि
ग्राम-सभा को पेसा नियम में
बहुत अधिक अधिकार प्राप्त हो गए
हैं। आवश्यकता है कि विभाग
ग्राम-सभाओं को उनके अधिकारों
के उपयोग के लिए प्रेरित करें।
जनजातीय समुदाय को प्राप्त
अधिकारों के उपयोग के लिए सक्षम
बनाने के प्रभावी प्रयास किए
जाने चाहिए। शिविर लगाकर जन-जागरण
के प्रयास किए जाने पर विचार
किया जाना चाहिए। जनजातीय
समुदाय को पेसा नियम के तहत
मिले सामुदायिक अधिकारों का
उपयोग कर विवादों के समाधान
प्रयासों को प्रोत्साहित किया
जाना चाहिए। राज्यपाल श्री
पटेल शुक्रवार को राजभवन में
गृह, जेल, लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी एवं किसान-कल्याण
तथा कृषि विकास की समीक्षा कर
रहे थे। इस अवसर पर लोक
स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य
मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह
यादव भी उपस्थित थे।

देश
में कृषि अधो-संरचना मद के
क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश
प्रथम

राज्यपाल
श्री पटेल को मंत्री किसान-कल्याण
तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल
पटेल ने बताया कि कृषि अधो-संरचना
मद के क्रियान्वयन में
मध्यप्रदेश देश में प्रथम
स्थान पर है। प्रदेश में 4 हजार 5
सौ करोड़ रुपए से अधिक राशि का
वितरण किया गया है। उन्होंने
कहा कि प्रदेश, देश का पहला
राज्य है, जहाँ वन-ग्रामों का
कृषि बीमा किया गया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
से 916 ग्रामों को जोड़ कर एक लाख 36
हज़ार 868 किसानों की फसलों का
बीमा कर 67 हज़ार 478 किसानों को 44
करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान
किया गया है। उन्होंने बताया कि
दलहन, तिलहन उत्पादों के समर्थन
मूल्य पर खरीदी व्यवस्था में भी
प्रदेश, देश का अग्रणी राज्य
है। बताया गया कि प्रदेश में
कृषि कार्य योजना बनाकर एकल फसल
प्रणाली के स्थान पर फसल
विविधीकरण को बढ़ावा देकर
कृषकों की आय में वृद्धि के
कार्य किए जा रहे हैं। टिकाऊ
फसलों के उत्पादन को अपनाने के
लिए किसानों को प्रेरित करने के
साथ ही हितधारको की क्षमता
विकास के प्रयास भी किए जा रहे
है। कृषि क्षेत्र में उन्नत
तकनीक के प्रसार और विभिन्न
विभागों के साथ कर्न्वजेंस तथा
समन्वय के द्वारा संसाधनों के
समुचित उपयोग की दिशा में कार्य
किया जा रहा है। मध्यप्रदेश,
देश का पहला राज्य है, जिसने सभी
प्रमुख फसलों के उपज अनुमान के
लिए सेटेलाईट आधारित रिमोट
सेसिंग तकनीक का प्रयोग किया
गया है। प्रदेश कृषि यंत्रीकरण
में देश के औसत से आगे निकल गया
है। कृषि कार्य में ड्रोन के
उपयोग के लिए भोपाल एवं इंदौर
में पायलेट ट्रेनिंग के
पाठ्यक्रम संचालित किये गए है।
प्रदेश में मिलेट प्रोत्साहन
फेडरेशन का गठन किया जा रहा है
ताकि मिलेट उत्पादकों को फसल का
बेहतर मूल्य मिलें। विशिष्ट
मिलेट उत्पादों के जी आई टैग के
लिए भी प्रयास कर रहे है। जैविक
कपास के बॉय बैक के लिए प्रदेश
में शुरूआती दौर में ही 1500
किसानों का उद्योग के साथ सीधा
अनुबंध कराया गया है।

जल
जीवन मिशन में प्रदेश के सभी
ग्राम कवर हुए

राज्यपाल
श्री पटेल को लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी विभाग की समीक्षा
बैठक के दौरान बताया गया कि
राज्य के शत-प्रतिशत गाँवों के
लिए मिशन अन्तर्गत योजनाएँ
स्वीकृत हो गयी है। मिशन में
सभी जिलों में कम से कम 25
प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति हो गई
है। राज्य द्वारा लक्ष्य का 50
प्रतिशत कार्य कर लिया गया है।
प्रदेश ने हर घर जल श्रेणी में
सर्वाधिक एक करोड़ से अधिक
ग्रामीण परिवारों का
प्रमाणीकरण करा लिया है। राज्य,
देश का एक मात्र ऐसा प्रदेश है
जिसकी सभी जिला स्तरीय प्रयोग-शालाऐं
एन.ए.बी.एल प्रमाणीकृत है। मिशन
अन्तर्गत स्वच्छ जल से सुरक्षा
अभियान में समस्त मापदंडों के
अनुरूप जल की गुणवत्ता के
नमूनों की जांच करने में राज्य
अग्रणी रहा है। विभाग द्वारा
सीधी भर्ती के 1363 रिक्त पदों पर 263
पदों की नियुक्ति की जा चुकी है,
शेष पदों के लिये भर्ती
प्रक्रियाधीन है। बैकलॉग के 71
पदों में से 11 पदों की भर्ती की
जा चुकी है, शेष भर्ती
प्रक्रियाधीन है।

पेसा
नियम लागू होने पर पंजीकृत
अपराधिक प्रकरणों में हुई कमी

राज्यपाल
को गृह विभाग की समीक्षा में
बताया कि पेसा नियम 2022 लागू होने
के पूर्व और पश्चात पंजीकृत
अपराधिक प्रकरणों की
तुलनात्मक संख्या में अपराध
में तीन प्रतिशत तक की कमी
परिलक्षित हुई है। बताया गया कि
एक वर्ष से कम अवधि के दंड
प्रावधान वाले सामान्य प्रवृ‍त्ति
के न्यायालय में विचाराधीन
अपराधिक प्रकरण वापस लेने की
कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण
वापसी के संबंध में राज्य विधिक
सेवा प्राधिकरण द्वारा
जागरूकता शिविर आयोजित किए जा
रहे हैं। जनजातीय वर्ग के
व्यक्तियों के विरूद्ध दर्ज
अपराधिक प्रकरणों की वापसी के
लिए प्राप्त 516 आवेदनों में से 458
प्रकरणों के आदेश जारी हो गये
है।

947
बंदियों की समय पूर्व रिहाई

राज्यपाल
श्री पटेल ने जेल विभाग की
समीक्षा भी की। उन्होंने आजीवन
कारावास बंदियों के लिए नई
रिहाई नीति की सराहना करते हुए
राज्य शासन को बधाई दी है।
राज्यपाल को बताया गया कि नई
नीति में 4 अवसर गणतंत्र दिवस, डॉ.भीमराव
अम्बेडकर जयंती, स्वतंत्रता
दिवस और महात्मा गांधी जयंती पर
बंदियो की रिहाई की जा रही है।
सितम्बर 2022 में नीति के लागू
होने से अब तक 947 बंदी रिहा किए जा
चुके है। इनमें 151 अनुसूचित
जनजातीय समुदाय के हैं। आज़ादी
के अमृत महोत्सव में 171 बंदी
रिहा किए गए है जिनमें 26
अनुसूचित जनजाति वर्ग के है।
रिक्त पदों और बैकलॉग पदों की
नियुक्ति के संबंध में बताया
गया कि बैकलॉग के 44 एवं नवीन
नियुक्ति के सीधी भर्ती के 317
विभिन्न पदों पर कर्मचारी चयन
मंडल से नियुक्ति की कार्यवाही
की गयी है। 35 पदों पर सीधी भर्ती
के 23 और बैकलॉग के 12 पदों की
नियुक्ति की जा चुकी है। शेष 326
रिक्त पदों की पूर्ति की
कार्यवाही प्रचलन में है।
बताया गया कि जेलों के बंदियों
को विधिक सहायता उपलब्ध कराने
के लिए 30 जून तक 476 शिविरों का
आयोजन किया गया है जिनमें 2 हजार
228 बंदियों को विधिक सहायता से
लाभान्वित किया गया।
इस
अवसर पर अध्यक्ष जनजातीय
प्रकोष्ठ श्री दीपक खांडेकर,
अपर मुख्य सचिव गृह श्री राजेश
राजौरा, अपर मुख्य सचिव कृषि
श्री अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री
संजय कुमार शुक्ला, राज्यपाल के
प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा,
प्रमुख सचिव जेल श्री संजीव
कुमार झा, महानिदेशक जेल श्री
अरविंद कुमार, विशेष पुलिस
महानिदेशक श्री जी.पी. सिंह,
जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य
सचिव श्री बी.एस. जामोद और कृषि
आयुक्त श्री एम. सेलवेन्द्रन
सहित संबंधित विभागों के
वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।