जो कार्य राजा-महाराजाओं, नवाबों और पिछली सरकारों ने मिलक?

जो कार्य राजा-महाराजाओं, नवाबों और पिछली सरकारों ने मिलक?

मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान के कहा
कि राजा-महाराजाओं, नवाबों और
पिछली सरकारों के सालों साल के
शासन में जितना विकास नहीं हुआ,
उससे कई गुना ज्यादा हमारी
सरकार ने पिछले 20 सालों में कर
दिखाया है। मुख्यमंत्री श्री
चौहान आज कुक्षी माइक्रो
उद्घवहन सिंचाई परियोजना के
भूमि-पूजन कार्यक्रम को
संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने
प्रदेश में आज से प्रारंभ हुए
विकास पर्व की शुरूआत स्थानीय
कृषक मोहन सिंह चौहान, उनकी
पत्नी श्रीमती रंगीली बाई और
श्रमिक श्री पर्वत के साथ 2771
करोड़ 16 लाख के विकास कार्यों के
भूमि-पूजन से की। विकास पर्व
आगामी 14 अगस्त तक चलाया जायेगा,
जिसके अंतर्गत प्रदेश के सभी
जिलों में बड़े पैमाने पर विकास
कार्यों के भूमि-पूजन/लोकार्पण
के साथ ही जन संवाद, हितग्राही
सम्मेलन, रोड-शो आदि आयोजित
किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने कहा कि कुक्षी
माईक्रो उदवहन सिंचाई
परियोजना प्रधानमंत्री जी
के “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” (पानी
की प्रति बूंद से अधिक फसल) पर
आधारित है। इसी मंत्र को अपना
संकल्प बनाते हुए
मध्यप्रदेश सरकार सिंचाई के
क्षेत्र में नवाचार कर पानी
की हर बूंद को उपयोगी बना रही
है। सरकार की इसी
प्रतिबद्धता का प्रमाण बन
रही हैं म.प्र. में सफलता के
साथ संचालित माईक्रो उद्वहन
सिंचाई परियोजनाएँ। कुक्षी
माइक्रो उद्वहन सिंचाई
परियोजना की सम्पूर्ण जल
वितरण प्रणाली भूमिगत पाईप
लाईन पर आधारित है और
प्रत्येक 2.5 हेक्टेयर चक तक
किसान को 23 मीटर दाबयुक्त जल
उपलब्ध होगा। दाबयुक्त जल से
किसान, माईक्रो सिंचाई के
अंतर्गत स्प्रिंकलर का लाभ
ले सकेंगे तथा कम जल में अधिक
सिंचाई का लाभ मिलेगा। इस
पद्धति से सिंचाई मिलने पर
किसान को खेत समतल करने की
आवश्यकता नहीं होगी। पाईप
नहरों के लिए स्थाई भू-अर्जन
नहीं किया जाएगा। परियोजना
से कुक्षी तहसील के 96 ग्रामों
के 39 हजार 854 हेक्टेयर क्षेत्र
में, गंधवानी तहसील के 79
ग्रामों के 35 हजार 149 हेक्टेयर
क्षेत्र में, विधानसभा
क्षेत्र कुक्षी के 24 ग्रामों
के 7248 हेक्टेयर क्षेत्र एवं
विधानसभा क्षेत्र गंधवानी
के 151 ग्रामों के 67 हजार 752
हेक्टेयर क्षेत्र में
सिंचाई प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि मेघनाद घाट
का विकास किया जाएगा और यहाँ
से सरदार सरोवर तक क्रूज
चलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने कहा कि गत 20
वर्षों में सड़क, बिजली, पानी,
सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि
क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव
हुए हैं। अकेले धार जिले में 1
हजार 268 करोड़ से अधिक की लागत से
लगभग 3 हजार 300 किमी लम्बाई की कुल
835 सड़कों का निर्माण एवं उन्नयन
किया गया है। जिले में 196 करोड़ 62
लाख रु. की लागत से 117 पुलों का
निर्माण किया गया है। विद्युत
अधोसंरचना के निर्माण एवं
सुदृढ़ीकरण पर 333 करोड़ रुपए
व्यय किए गए हैं। जिले में 216
करोड़ रुपए की लागत से 54 मेगावाट
के सोलर पावर प्लांट स्थापित
किए जा रहे हैं। फीडर
विभक्तीकरण के 85 करोड़ की लागत के
311 कार्य पूर्ण किए गए हैं। इसके
अलावा 519 करोड़ 26 लाख रुपए की
लागत से निर्मित 78 सिंचाई
परियोजनाओं से 29 हजार 790
हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई
क्षमता विकसित की गई। वर्तमान
में 905 करोड़ 33 लाख रुपए की लागत
से 22 सिंचाई परियोजनाएँ
निर्माणाधीन हैं। जल जीवन मिशन
में जिले में अब तक 2 लाख 63 हजार 783
परिवारों तक नल का शुद्ध जल
पहुँचाया जा चुका है। जिले में 15
सीएम राइज विद्यालय प्रारम्भ
हुए। लगभग 237 करोड़ रुपए की लागत
से एकलव्य विद्यालय, कन्या
शिक्षा परिसर,आश्रम, क्रीडा
परिसर एवं छात्रावासों का
निर्माण किया गया है। धार में
मेडिकल कॉलेज बनेगा।लगभग 71
करोड़ रुपए की लागत से कुल 529
स्वास्थ्य केन्द्रों का
निर्माण एवं उन्नयन किया गया
है। जिले के लगभग 11 लाख 40 हजार
हितग्राहियों के आयुष्मान
कार्ड बने हैं। आयुष्मान योजना
में 15 हजार से अधिक मरीजों का
निःशुल्क इलाज हुआ है।
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने लाड़ली बहना
योजना सहित अन्य योजनाओं का
ज़िक्र करते हुए कहा कि ये
प्रदेशवासियों की ज़िंदगी में
सकारात्मक परिवर्तन ला रही
हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी
के “सबका साथ, सबका विकास, सबका
विश्वास और सबका प्रयास”
मंत्र को आत्मसात करके हम आगे
बढ़ रहे हैं। साथ ही जन-कल्याण,
सुराज और विकास को शासन का आधार-स्तंभ
बनाकर जनता के जीवन को बदलने का
काम भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि नर्मदा जल को
क्षिप्रा नदी तक ले जाने के
दुष्कर कार्य को सरकार ने कर
दिखाया है। इतना ही नहीं निमाड़,
मालवा, क्षेत्र में नर्मदा जल
जहाँ नहरों से नहीं पहुँचाया जा
सकता वहाँ पाइपों से मोटर लगाकर
पहुँचाने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असंभव
शब्द मेरे शब्दकोष में है ही
नहीं। धार जिले के एक-एक गाँव
में सिंचाई एवं पेयजल की
व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने कहा कि मेघनाद
घाट में आज कुक्षी माइक्रो
उद्घवहन सिंचाई परियोजना का
भूमि-पूजन किया गया है। हम
किसानों की बेहतरी के लिए कोई
कसर नहीं छोड़ेंगे। हमने
मुख्यमंत्री किसान सम्मान
निधि, जो पहले 4 हजार रुपए थी,
उसको बढ़ाकर 6 हजार रुपए किया
है। प्रधानमंत्री किसान योजना
सहित इसे मिलाकर अब किसानों को 12
हजार रुपए मिला करेंगे। पहले
किसानों को 16 प्रतिशत ब्याज पर
कर्जा मिलता था, जिसे हमने
शून्य प्रतिशत कर दिया है।
पिछली सरकार द्वारा कन्या
विवाह योजना, संबल योजना,
लेपटॉप वितरण बंद कर दिए गए थे,
जिन्हें हमने पुनः आरंभ किया
हैं। अभी 20 जुलाई को मेधावी
विद्यार्थियों को लेपटॉप
वितरित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री
ने नर्मदा पूजन किया,
चुनरी चढ़ाई, भजन गाए
भूमि-पूजन
के पहले मुख्यमंत्री श्री
चौहान मेघनाद घाट पर माँ नर्मदा
की पूजा-अर्चना कर माँ नर्मदा
को 551 मीटर चुनरी चढ़ाई। नर्मदा
तट पर भजन मंडली द्वारा संगीतमय
भजनों की प्रस्तुति दी गई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने
अपने बचपन का पसंदीदा भजन “राम
भजन सुखदायी – जपो रे मेरे भाई”
गाया।

मुख्यमंत्री
ने किया पौध-रोपण

मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान ने
कुक्षी तहसील के ग्राम
चंदनखेड़ी के मेघनाद घाट पर
पारिजात का पौधा रोपित किया।
पौध-रोपण के लिए यहाँ 175 गाँवों
की मिट्टी लाई गई थी।
मुख्यमंत्री रविवार को कुक्षी
तहसील के ग्राम निसरपुर के
ग्राम चंदनखेड़ी आये थे।
औद्योगिक
नीति निवेश एवं प्रोत्साहन
मंत्री श्री राजवर्धन सिंह
दत्तीगांव, राज्यसभा सांसद
श्री सुमेर सिंह सोलंकी, सांसद
श्री छतरसिंह दरबार, विधायक
श्रीमती नीना वर्मा, पूर्व
केबिनेट मंत्री श्रीमती रंजना
बघेल, सर्वश्री मनोज सोमानी,
मुकाम सिंह किराड़े, वीरेंद्र
सिंह बघेल, जयदीप पटेल, संभाग
आयुक्त डॉक्टर पवन कुमार शर्मा,
आईजी श्री राकेश गुप्ता जन-प्रतिनिधि
और विशाल जन-समुदाय उपस्थित था।