बदलाव का सम्मान प्रकृति का नियम : राज्यपाल श्री मंगुभाई ?

बदलाव का सम्मान प्रकृति का नियम : राज्यपाल श्री मंगुभाई ?

  राज्यपाल
श्री मंगुभाई पटेल ने चेंपियंस
ऑफ़ चेंज मध्यप्रदेश संस्करण के
पुरस्कार वितरित किए।
उन्होंने आध्यात्म, समाज-कल्याण,
कला, स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल
के क्षेत्र की 16 उत्कृष्ट
प्रतिभाओं को सम्मानित किया।
सम्मान समारोह कुशाभाऊ ठाकरे
इंटरनेशनल कन्वेंशन सेन्टर के
सभागार में हुआ।
 राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने
कहा कि बदलाव प्रकृति का नियम
है। बदलाव के प्रेरकों का
सम्मान समाज में सकारात्मकता
को बढ़ाता है। भावी पीढ़ी को
सामाजिक सरोकारों में
सहभागिता के लिए प्रेरित और
प्रोत्साहित करता है। मानवीय
मूल्यों, संवेदनशील, सहयोगी
सेवा भावना का प्रसार करता है।
समाज में विकास की नई चुनौतियों
के समाधान के लिए नवाचार के
प्रयासों को गतिशील करता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री
श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व
में G-20 की अध्यक्षता में भारत
वैश्विक चुनौतियों के समाधान
में, अग्रणी भूमिका निभा रहा
है। उनके नेतृत्व में बीते 9
वर्षों में देश महिलाओं के
नेतृत्व में विकास के विज़न के
साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री
श्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन
की चुनौतियों के समाधान के लिए
विनाशकारी के बजाय सजग उपयोग के
लिए मिशन लाइफ के द्वारा
पर्यावरण की रक्षा और स्थिरता
को बढ़ावा देने के लिए कहा है। उन्होंने
पर्यावरण अनुकूल जीवन-शैली को
जन-आन्दोलन के रूप में
परिवर्तित किए जाने की
आवश्यकता बताई।
   राज्यपाल
ने कहा कि मध्यप्रदेश में
स्वतंत्रता सेनानियों और
क्रांतिकारी नेताओं की एक महान
विरासत है, जिन्होंने राष्ट्र
के विकास में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाई है। राज्यपाल ने
महिला स्वतंत्रता सेनानी रानी
लक्ष्मीबाई का स्मरण करते हुए
अपेक्षा की कि प्रदेशवासी इस
महान विरासत को आगे ले जाने का
कार्य जारी रखते हुए दूसरों को
समाज, प्रदेश एवं
राष्ट्र के लिए कार्य करने को
प्रेरित करेंगे।
पूर्व मुख्य न्यायाधीश
सर्वोच्च न्यायालय
न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन
ने कहा कि भोपाल आकर उन्हें
बहुत अच्छा लगता है। यहाँ की
हरियाली ने उन्हें गहरे से
प्रभावित किया है। उन्होंने
कहा कि समाज में उदारता के
प्रसार के लिए हर संभव प्रयास
किए जाना चाहिए। उन्होंने
सम्मान समारोह को समाज में
अच्छे कार्यों के लिए प्रेरणा
का माध्यम बताया है। ज्यूरी के
सलाहकार श्री दयाकर रताकोंडा
ने पुरस्कार चयन प्रक्रिया की
जानकारी दी। उन्होंने बताया कि
विगत 5 वर्षों से राष्ट्रीय
स्तर पर सम्मान समारोह आयोजित
किया जा रहा है।
चयन समिति के सलाहकार श्री
श्याम जाजू ने कहा कि सम्मान
समारोह जनमानस को व्यक्तिगत,
सामाजिक, सांस्कृतिक बदलाव के
लिए प्रेरित करता है। उन्होंने
कहा कि जीवन में होने वाला
बदलाव विकास का प्रतीक है।
शौचालय विहीन घरों में शौचालय
का निर्माण जीवन में बड़ा बदलाव
लाता है। जीवन में बदलाव लाने
के सभी प्रयास सम्माननीय होते
हैं। पुरस्कार से सम्मानित
पंडित प्रदीप मिश्रा ने अवार्ड
विजेताओं की ओर से धन्यवाद
उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि
अवार्ड व्यक्ति का नहीं  जनमानस
के कल्याण की कार्य-शैली और
प्रयासों का सम्मान है।
उन्होंने अपने सम्मान का श्रेय
सीहोरवासियों और समस्त
शिवभक्तों को दिया।
     
स्वागत उद्बोधन में चेंपियंस
ऑफ़ चेंज के संस्थापक श्री नंदन
कुमार झा ने बताया कि कार्यक्रम
मध्यप्रदेश संस्करण का दूसरा
अवार्ड समारोह है। समारोह का
आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर चार
बार किया गया है। मध्यप्रदेश
सहित चार राज्यों में राज्य
स्तरीय कार्यक्रम किए गए हैं।
शीघ्र ही अवार्ड
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी दिए
जाएंगे। आभार प्रदर्शन ज्यूरी
सलाहकार श्री बनवारीलाल चौकसे
ने किया।
   राज्यपाल श्री पटेल ने समारोह
में अध्यात्म के क्षेत्र में
श्री पं प्रदीप मिश्रा, समाज-कल्याण
के क्षेत्र में श्री पं ओम
प्रकाश मेहता, विधायक
श्रीमती कृष्णा गौर, श्री
हेमंत तिवारी, श्री उमाशंकर
सिंह, श्री विनोद कुमार
अग्रवाल, अपर महानिदेशक
पुलिस श्री अन्वेष मंगलम, श्री
रोहित जैन, श्री मनोज साहू, श्री
अभिषेक कुमार पांडे, 
स्वास्थ्य के क्षेत्र में
पद्मश्री डॉ. मुनिश्वर चंद्र
डावर,  डॉ. अजय राणा,  कला के
क्षेत्र में सुश्री सौम्या
टंडन, श्री अनिल सिह चंदेल, शिक्षा
के क्षेत्र में श्री जयनारायण
चौकसे और खेल के क्षेत्र में
श्रीमती भावना टोकेकर को
सम्मानित किया।