मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा कर्मचारी चयन मण्डल की समू?

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा कर्मचारी चयन मण्डल की समू?

मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान ने
कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा
समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी
भर्ती परीक्षा परिणाम के आधार
पर की जाने वाली नियुक्तियों पर
रोक लगा दी है। परीक्षा के एक
सेन्टर के परिणाम पर संदेह की
स्थिति में यह निर्णय लिया गया।
उस सेन्टर के परीक्षा परिणाम का
पुन: परीक्षण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एक
ट्वीट में यह जानकारी दी।
मध्यप्रदेश
कर्मचारी चयन मंडल द्वारा
मार्च – अप्रैल 2023 में समूह-2, समूह-4
के लिए एवं पटवारी पद के लिये
आयोजित संयुक्त भर्ती परीक्षा
का परिणाम में 8617 पद की मेरिट
सूची 30 जून 2023 को जारी की गई थी।
इसके बाद सोशल मीडिया एवं मंडल
के अधिकृत ई-मेल पर कुछ
बिन्दुओं पर प्राप्त शिकायतों
के संबंध में वस्तु-स्थिति इस
प्रकार है –

समूह-2,
समूह-4 एवं पटवारी पद के लिए
संयुक्त भर्ती परीक्षा 15
मार्च 2023 से 26 अप्रैल 2023 तक
आयोजित की गई थी। परीक्षा में
अभ्यर्थियों के 1279063 प्रवेश-पत्र
जारी किए गए। इनमें से 978270
अभ्यर्थी परीक्षा में
सम्मिलित हुए।

मेरिट
लिस्ट में स्थान प्राप्त 8617
अभ्यर्थी 78 परीक्षा
केन्द्रों से चयनित हुए हैं।
प्रसारित खबरों में उल्लेखित
एन.आर.आई. कॉलेज ऑफ़
इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट,
ग्वालियर से कुल 114 अभ्यर्थी
चयनित हुए हैं, न कि एक हजार।

टॉप 10
में से 7 अभ्यर्थी ने एन.आर.आई.
कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड
मैनेजमेंट, ग्वालियर से
विभिन्न तिथियों में पृथक –
पृथक पाली में परीक्षा दी,
अर्थात इन समस्त के प्रश्न-पत्र
अलग- अलग थे। परीक्षा केंद्र,
दिनांक, पाली एवं रोल नम्बर का
आवंटन मंडल द्वारा रैंडम
प्रक्रिया से किया जाता है।

अपने
प्रवेश पत्र में टॉप 10 में से 6
अभ्यर्थियों ने हिंदी में तथा
4 ने अंग्रेजी में हस्ताक्षर
किये हैं। परीक्षा की
नियमावली में हस्ताक्षर पर
भाषा का बंधन नहीं है, परन्तु
अभ्यर्थी के हस्ताक्षर
स्पष्ट होने पर ही परीक्षा
प्रवेश पत्र जारी किया जाता
है। टॉप 10 अभ्यर्थी को
अंग्रेजी सेक्शन में 25 में से 13
से 23 तक अंक मिले।

अभ्यर्थी
द्वारा आवेदन-पत्र भरते समय
अपना फोटो अपलोड करना
अनिवार्य है। फोटो के आधार पर
मंडल किसी की अभ्यर्थिता तभी
निरस्त करता है जब फोटो आधा
अधूरा/ कटा/ अस्पष्ट / मास्क के
साथ, इत्यादि है, जिससे
अभ्यर्थी की पहचान करने में
कठिनाई हो, अन्यथा नहीं।

अभ्यर्थियों
की जाति / संविदा कर्मी /
विकलांगता आदि से संबंधित
दावे की सत्यता के लिए वे
स्वयं ही जिम्मेदार होते हैं।
प्रमाण-पत्रों का सत्यापन
मंडल स्तर पर नहीं किया जाता
है, बल्कि यदि इनका चयन
परीक्षा में हो जाता है तो
संबंधित विभाग दस्तावेज
सत्यापन करता है।

परीक्षा
की नियम पुस्तिका अनुसार
प्रश्नों पर अभ्यर्थियों से
आपत्ति प्राप्त होने पर, विषय-विशेषज्ञों
की कुंजी समिति द्वारा पूर्ण
परीक्षण कर, प्रश्नों को
निरस्त करने या विकल्प
परिवर्तन करने की अनुशंसा की
जाती है।

कुंजी
समिति द्वारा प्रश्नों पर
लिया गया निर्णय अंतिम होता
है। कुंजी समिति के निर्णय
अनुसार ही परीक्षा परिणाम
तैयार किया गया है। मंडल ने
निर्धारित प्रक्रिया अनुसार
परीक्षा समाप्ति के बाद आदर्श
उत्तर कुंजी का प्रकाशन किया।
तत्पश्चात परिणाम के साथ
अंतिम उत्तर कुंजी (कुंजी
समिति की अनुशंसाओं सहित)
वेबसाइट पर अपलोड की गई है।

प्रसारित
खबरों में उल्लेख किये गए “नर्मदा
का उद्गम स्थल कहाँ है”
संबंधित प्रश्न पर
अभ्यर्थियों द्वारा कोई
आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी।

किसी
भी अभ्यर्थी की उत्तर
पुस्तिका केवल वही देख सकता
है, जिसके पास अभ्यर्थी के रोल
नंबर एवं प्रवेश पत्र में
अंकित विशिष्ट कोड उपलब्ध है,
अन्यथा नहीं।

मंडल
द्वारा अपनाई जा रही
नॉर्मलाईजेशन प्रक्रिया को
मा. उच्च न्यायालय में चुनौती
दी गई थी। इस प्रक्रिया का
परीक्षण मान. उच्च न्यायालय
के आदेश पर आई.आई.एम. इंदौर से
कराया गया, जिसमें मा. उच्च
न्यायालय ने प्रक्रिया को
हस्तक्षेप योग्य नहीं पाया
था। नॉर्मलाईजेशन का सूत्र (फार्मूला)
मंडल की वेबसाइट एवं रूलबुक
में उपलब्ध है।

परीक्षा
परिणाम में विज्ञापित पदों के
विरुद्ध 20 गुना प्रतीक्षा
सूची तैयार की गई है।

मंडल
द्वारा आयोजित समस्त
परीक्षाओं को पूरी
पारदर्शिता एवं शुचितापूर्ण
पद्धति से संपन्न कराया जाता
है।