
विद्यार्थी अपनी सोच और कार्यों से देश-दुनिया की समस्याओं

राष्ट्रपति
श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा
विद्यार्थी आत्म-विश्वास के
साथ दुनिया में कदम रखें और आगे
बढ़ते जाये। लक्ष्य से निगाह न
हटने दें, कोई भी बाधा और चुनौती
आपको अपना लक्ष्य हासिल करने से
नहीं रोक पाएगी। सफल होकर आप सब
दूसरों को भी आगे बढ़ने में मदद
करें। साथ ही शिक्षा का उपयोग
कर देश को आगे ले जाये और अपनी
सोच व कार्यों से देश व दुनिया
की समस्याओं का समाधान ढूँढने
में योगदान दें। जीवन में स्वयं
से सवाल कर अपने को बेहतर बनाने
के प्रयास निरंतर जारी रहे।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु
गुरूवार को अटल बिहारी वाजपेयी
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी
एवं प्रबंधन संस्थान ग्वालियर (ट्रिपल
आईटीएम) के चतुर्थ दीक्षांत
समारोह में उपाधि प्राप्त करने
वाले विद्यार्थियों को
संबोधित कर रही थी। समारोह में
प्रदेश के राज्यपाल श्री
मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान,
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं
इस्पात मंत्री श्री
ज्योतिरादित्य सिंधिया,
ट्रिपल आईटीएम संचालक मण्डल के
अध्यक्ष श्री दीपक घैसास एवं
ट्रिपल आईटीएम के निदेशक प्रो.
श्रीनिवास सिंह मंचासीन थे।
समारोह
में जिले के प्रभारी एवं जल
संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम
सिलावट, ऊर्जा मंत्री श्री
प्रद्युम्न सिंह तोमर,
उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
श्री भारत सिंह कुशवाह, सांसद
श्री विवेक नारायण शेजवलकर एवं
ट्रिपल आईटीएम संचालक मण्डल के
सदस्य मौजूद थे।
समारोह
में राष्ट्रपति श्रीमती
मुर्मु ने परमाणु ऊर्जा आयोग के
पूर्व चेयरमेन पद्मविभूषण डॉ.
अनिल काकोड़कर को डॉक्टर ऑफ
साइंस की मानद उपाधि से
सम्मानित किया। साथ ही 7
विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल
प्रदान किए। वर्ष 2023 में पास आउट
283 विद्यार्थियों को बीटेक,
एमटेक एवं मेनेजमेंट की
उपाधियाँ प्रदान की गईं।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने
ट्रिपल आईटीएम में 500 बेड के
छात्रावास की आधारशिला भी रखी।
साथ ही मलिन बस्तियों के बच्चों
से मुलाकात कर उन्हें पुस्तकें
भेंट की।
राष्ट्रपति
श्रीमती मुर्मु ने
विद्यार्थियों से अपेक्षा की
कि आप सब समाज के उन लोगों के
बारे में भी सोचें जो विकास की
यात्रा में थोड़े पीछे रह गए
हैं। समाज के प्रति
उत्तरदायित्व की धारणा आपकी
प्रगति के लिये उपयोगी सिद्ध
होगी। दूसरों की सहायता करने से
स्वयं की क्षमताओं का भी विकास
होता है, यह मेरा भी निजी अनुभव
है। राष्ट्रपति ने कहा कि
अनुसूचित जनजाति की सबसे बड़ी
आबादी मध्यप्रदेश में रहती है।
प्रसन्नता की बात है कि
मध्यप्रदेश में कमजोर वर्गों
एवं महिलाओं का कल्याण करने की
भावना के साथ अच्छे कदम उठाए जा
रहे हैं। जनजातीय गौरव दिवस
मनाने की शुरूआत भी मध्यप्रदेश
ने ही की है। उन्होंने
मध्यप्रदेश की पिछली शहडोल
यात्रा का जिक्र करते हुए कहा
कि मुझे वहाँ पर पेसा एक्ट का
शुभारंभ करने का अवसर मिला था।
यह एक्ट जनजातीय समुदाय के
लोगों के हित में लागू किया गया
है।
राष्ट्रपति
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि यह
दीक्षांत समारोह इसलिये भी
विशेष है क्योंकि संस्थान ने
अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर
लिए हैं। उन्होंने उपाधियाँ
प्राप्त करने वाले सभी
विद्यार्थियों व उनके परिजनों
एवं प्राध्यापकों को बधाई व
शुभकामनाएँ दीं। राष्ट्रपति
ने कहा कि यह खुशी की बात है कि
ट्रिपल आईटीएम ग्वालियर
शिक्षा का एक ऐसा उत्कृष्ट
केन्द्र बनने की ओर अग्रसर है
जहाँ उच्च स्तर की शिक्षा और
अनुसंधान को निरंतर बढ़ावा
मिलेगा। खुशी की बात है कि इस
संस्था ने स्थानीय समुदायों की
मदद के लिये विभिन्न
गतिविधियाँ शुरू की हैं।
संस्थान के विद्यार्थी और
प्राध्यापक स्थानीय समुदायों
के कमजोर परिवारों के बच्चों को
मार्गदर्शन दे रहे हैं।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने
विद्यार्थियों का आह्वान करते
हुए कहा कि आर्थिक लाभ
महत्वपूर्ण होता है, लेकिन
संतुष्टि उससे भी महत्वपूर्ण
है।
राष्ट्रपति
श्रीमती मुर्मु ने ग्वालियर की
सराहना करते हुए कहा कि शहर
प्रदेश के सबसे खूबसूरत शहरों
में से एक है। यह महलों, मंदिरों
और किलों के लिये तो प्रसिद्ध
है ही, भारतीय इतिहास में भी
इसका महत्वपूर्ण स्थान है।
उन्होंने मराठाओं के संघर्ष और
सिंधिया राजवंश द्वारा
ग्वालियर के विकास में दिए गए
योगदान का भी विशेष जिक्र किया।
साथ ही कहा कि ग्वालियर अपनी
समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के
लिये भी जाना जाता है।
प्रसन्नता की बात है कि
ग्वालियर जिले में स्थित संगीत
सम्राट तानसेन के गाँव को
तानसेन नगर का नाम दिया गया है।
यह एक सर्वमान्य तथ्य है कि
शून्य भारत की देन है। भारत
द्वारा प्राचीनकाल में विकसित
शून्य की अवधारणा के स्पष्ट
प्रमाण ग्वालियर दुर्ग स्थित
चतुर्भुज मंदिर में देखे जा
सकते हैं।
सूचना
प्रौद्योगिकी का उपयोग
सामाजिक न्याय के साधन के रूप
में हो – राज्यपाल श्री पटेल
राज्यपाल
श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि
कल्याणकारी राज्य में वही
प्रौद्योगिकी सफल है, जिसका
उपयोग सामाजिक न्याय के एक साधन
के रूप में हो सके। समग्र विकास
के लिये जरूरी है कि स्मार्ट
उपकरण और प्रणालियाँ सामान्य
लोगों की पहुँच में हों।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों का
आह्वान किया कि नवाचारों के
माध्यम से नागरिकों के कल्याण
और विकास के नए समाधान प्रस्तुत
करने के लिये तत्परता से कार्य
करें। सूचना प्रौद्योगिकी
विशेषज्ञ के रूप में युवाओं से
देश और समाज को बहुत आशाएँ हैं।
राष्ट्र का कल्याण युवाओं का
लक्ष्य होना चाहिए। आप सबने
पढ़ाई के दौरान जो सामाजिक कौशल
और तकनीक ज्ञान हासिल किया है
उसका उपयोग पिछड़े और वंचित
लोगों के जीवन में सुधार लाने
के लिये करें। अपनी मेधा का
उपयोग दिव्यांग लोगों, सीनियर
सिटीजन तथा अन्य जरूरतमंद
लोगों की सहायता में अवश्य
करें।
टेलेंट,
टेक्नालॉजी, प्रबंधन और
नेतृत्व का संगम भारत को
बनायेगा विश्व गुरू –
मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
कि आज भारत के पास टेलेंट,
टेक्नालॉजी, प्रबंधन और
नेतृत्व का संगम है, जो भारत को
आने वाले समय में विश्व गुरू
बनायेगा। जिस प्रकार 18वीं सदी
में औद्योगिक क्रांति के दौरान
वैश्विक अर्थ-व्यवस्था को
गतिमान रखने के लिये डीजल और
पेट्रोल की आवश्यकता थी, उसी
प्रकार 21वीं सदी में गति के लिये
डाटा ईंधन का काम कर रहा है।
एनालेटिक्स, मशीन लर्निंग, बिग
डाटा और क्वांटम कम्प्यूटिंग
सभी आज के युग की बड़ी आवश्यकता
हैं। विद्यार्थी स्वयं इन सभी
में महारत हासिल कर, समाज और देश
को आगे बढ़ायें।
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने कहा कि इस
संस्थान की स्थापना स्व. श्री
माधव राव सिंधिया ने की थी, जब वे
देश के मानव संसाधन विकास
मंत्री थे। श्री अटल बिहारी
वाजपेयी का मध्यप्रदेश से अटूट
नाता रहा है। श्री वाजपेयी
ओजस्वी, तेजस्वी और यशस्वी
व्यक्तित्व थे। उनके जीवन का
संदेश था कि हमको जीवन में कभी
हार नहीं मानना है, हमेशा आगे
बढ़ते रहना है। विद्यार्थियों
को उनके संदेश का अनुकरण कर
अपने जीवन को सफल बनाना है। आज
आप सभी को सौभाग्य मिला है कि आप
अपनी योग्यता से देश और समाज के
लिये कार्य करें। आपको अर्निंग
के साथ लर्निंग का भी पूरा
ध्यान रख कर निरंतर प्रगति करना
है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने
कहा कि मध्यप्रदेश संभावनाओं
का प्रदेश है। यहाँ की विकास दर
निरंतर 18 प्रतिशत के आसपास रहती
है। प्रदेश की जीएसडीपी, जो
वर्ष 2005-06 में 71 हजार करोड़ थी, आज 15
लाख करोड़ को पार कर गई है।
प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
विद्यार्थी अपने ज्ञान और कौशल
का उपयोग कर प्रदेश को और अधिक
गतिमान करें। सभी को मेरी
शुभकामनाएँ।
विद्यार्थी
छोटे लक्ष्य से संतुष्ट न होकर
सदैव आगे बढ़ने का भाव रखें :
केन्द्रीय मंत्री श्री
सिंधिया
केन्द्रीय
मंत्री श्री ज्योतिरादित्य
सिंधिया ने विद्यार्थियों का
आहृवान किया कि अपने मन में
सदैव यह भाव रखें कि हम केवल
लक्ष्य की पूर्ति से संतुष्ट न
होकर सदैव आगे बढ़ने का प्रयास
करते रहेंगे। साथ ही जिस
संस्थान से शिक्षा ग्रहण की है
उस संस्थान का मान-सम्मान रखकर
देश का गौरव बढ़ाने में योगदान
देते रहें। भारत तेजी से आर्थिक
तरक्की कर रहा है। कुछ साल पहले
तक भारत 11वीं आर्थिक शक्ति हुआ
करता था जो अब पाँचवीं आर्थिक
शक्ति बन गया है। उन्होंने
विश्वास जताया कि वर्ष 2030 तक
भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी
अर्थ-व्यवस्था वाला देश बन
जायेगा। देश का भविष्य निर्माण
में आप सबके सहयोग से ही होगा।
विषमता
मिटाने के प्रयास जरूरी – डॉ.
काकोड़कर
पोखरण
परमाणु परीक्षण में अहम भूमिका
निभाने वाले देश के सुविख्यात
परमाणु विज्ञानी एवं परमाणु
ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष
पद्मविभूषण डॉ. अनिल काकोड़कर ने
कहा कि भारत निरंतर प्रगति कर
रहा है। हम सबको साझा प्रयास कर
वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा
में देश को आगे रखकर, देश में
विषमता मिटाने के प्रयास जारी
रखने होंगे।
संस्थान
के निदेशक प्रो. श्रीनिवास सिंह
ने स्वागत उदबोधन दिया एवं
प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत
किया।
शोभा
यात्रा के साथ दीक्षांत समारोह
में पहुँची राष्ट्रपति
श्रीमती मुर्मु
दीक्षांत
समारोह में राष्ट्रपति
श्रीमती द्रौपदी मुर्मु,
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल,
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह
चौहान, केन्द्रीय मंत्री श्री
ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं
संस्थान के संचालक मण्डल के
अध्यक्ष व सदस्य एवं निदेशक
शोभा यात्रा के साथ पहुँचे।
संस्थान के ऑडिटोरियम में
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु
सहित अन्य अतिथियों ने दीप
प्रज्ज्वलन कर दीक्षांत
समारोह का शुभारंभ किया। आर्मी
बैंड द्वारा प्रस्तुत राष्ट्र-गान
के साथ समारोह का शुभारंभ और
समापन हुआ।
राष्ट्रपति
ने मलिन बस्तियों के बच्चों से
मुलाकात कर पुस्तकें भेंट की
राष्ट्रपति
श्रीमती मुर्मु ने अटल बिहारी
वाजपेयी भारतीय सूचना
प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन
संस्थान के विद्यार्थियों
द्वारा वर्ष 2016 से संचालित
स्टूडेंट ज्ञान मूवमेंट योजना
के तहत अध्ययनरत मलिन बस्तियों
के 10 बच्चों से मुलाकात की। इन 10
बच्चों में कु. रागिनी राठौर, कु.
ज्योति, अमन बाथम, मोहित नामदेव,
कु. शिवांगी, रितिक पटेल, कु.
शीतल, कु. गौरी सिकरवार, कु.
देवकी बाथम व बृजेन्द्र पाल
शामिल हैं। पाँचवीं से दसवीं
कक्षा तक की पढ़ाई कर रहे बच्चों
को उन्होंने पुस्तकें, बेग और
चॉकलेट भेंट कर उनसे बातचीत की।
संस्थान के प्रथम वर्ष के
विद्यार्थियों द्वारा आस-पास
की मलिन बस्तियों में निवासरत
बच्चों की नियमित कक्षाएँ
संचालित की जाती हैं। द्वितीय
वर्ष के विद्यार्थी इन कक्षाओं
के संयोजन की भूमिका निभाते
हैं।
राष्ट्रपति
से मुलाकात के दौरान बालिका
कोमल बाथम ने पेंसिल से बनाया
गया उनका स्केच भेंट किया।
ब्रह्मकुमारी बहनों-भाइयों ने
भी राष्ट्रपति को पवित्र
प्रतीक-चिन्ह भेंट किए।
इन
विद्यार्थियों को मिले गोल्ड
मेडल
श्री
पीयूष चेटवानी एमबीए, सुश्री
रितिका तोमर एमटेक, सुश्री
सौम्या पाठक एमबीए, श्री यश
अग्रवाल एमटेक (सीएन), श्री
अश्विनी कुमार पादी एमटेक (आईएस),
श्री मुशीर उल हक एमटेक (वीएलएसआई)
और श्री देबादित्य पाल बीटेक।
श्री पीयूष चेटवानी और श्री
रितिका तोमर को डबल गोल्ड मेडल
प्रदान किए गए।