
सरकार बोली पुरानी पेंशन का प्रस्ताव नहीं, सदन में हंगामा
भोपाल, मध्यप्रदेश विधानसभा में आज पुरानी पेंशन योजना पर काफी हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा के सवाल पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा- पुरानी पेंशन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। मंत्री के जवाब पर कांग्रेस विधायक नाराजी जताते सदन से वॉकआउट कर गए।
कमलनाथ ने बाद में कहा, हर सरकार कर्मचारियों से चलती है और अगर कर्मचारियों के साथ ही अन्याय हो, तो कैसे सरकार चलेगी। हमारे साथी सज्जन वर्मा ने सीधा सा प्रश्न पूछा था कि क्या सरकार पुरानी पेंशन लागू करेगी? वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने जवाब में कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह घोर अन्याय है। सरकार ने सदन में स्पष्ट कर दिया है कि पुरानी पेंशन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हम यह निर्णय करेंगे।
चीतों के लिए पैसे, पुरानी पेंशन के लिए नहीं: इस मामले में सज्जन सिंह वर्मा ने कहा- ये सरकार पुरानी पेंशन लागू करने में कोई निर्णय नहीं ले रही है। इनके मंत्री हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से ज्ञापन लेकर आते हैं और उसे कूड़े के डब्बे में डाल देते हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पूछा- सप्लीमेंट्री बजट में पुरानी पेंशन देने का कोई प्रस्ताव लाएंगे? तो देवड़ा ने कहा- सरकार के पास पुरानी पेंशन को लेकर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इस पर डॉ. सिंह ने कहा कि आपके पास चीतों के लिए 3000 करोड़ हैं। विकास यात्रा के लिए पैसे हैं, पुरानी पेंशन के लिए नहीं हैं? यह सरकार कर्मचारी विरोधी है। इसलिए कांग्रेस बहिर्गमन कर रही है।
प्रश्नकाल में चांचौड़ा से विधायक लक्ष्मण सिंह ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को लेकर सवाल पूछा व कहा कि • सरकारी अस्पतालों को कोरोना काल में निजी क्षेत्रों को पीपीपी मॉडल पर देने का कोई प्रस्ताव है? इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वहीं सूबेदार सिंह रजौधा ने पूछा- भीड़ और मीडिया को जमा कर फूड इंस्पेक्टर सैंपल लेते हैं। बाद में यही सैंपल मानक में पाया जाता है। क्या इसकी जानकारी मंत्री को दी जाती है?
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- मीडिया को लेकर नहीं जाते। जहां सैंपल लिए जाते हैं, वहां किसी अन्य को जानकारी नहीं दी जाती। इस बीच कांग्रेस विधायक बापू सिंह तंवर बोले- सत्ता पक्ष के विधायक अपनी पीड़ा बता रहे हैं। मंत्री ने कहा- मैं विधायक जी से चर्चा कर लूंगा। शासन की ये कतई नीयत नहीं होती कि किसी व्यापारी को परेशान किया जाए। जबकि रजौधा का कहना था कि मंत्री आश्वासन दें कि सैंपल भी ले लिए जाएं, उनकी जांच हो जाए और व्यापारी की बदनामी भी न हो।