इंदौर में एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों और अस्पताल के स्टाफ के बीच मारपीट का गंभीर मामला सामने आया है। यह घटना शुक्रवार को अरबिंदो अस्पताल में हुई, जब मरीज के परिजन पेशेंट से मिलने और उसे भभूत लगाने की जिद कर रहे थे। सिक्योरिटी गार्ड्स द्वारा मना करने पर विवाद बढ़ गया, जो बाद में हिंसक हो गया।
विवाद की शुरुआत
गुना की रहने वाली सुनीता को फेफड़ों की बीमारी के कारण 23 अगस्त को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को उनके बेटे जितेंद्र, दामोदर, बेटी ज्योति और अन्य परिजन उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे। सिक्योरिटी गार्ड्स ने उन्हें बताया कि मरीज से मिलने का समय नहीं हुआ है, जिससे विवाद की शुरुआत हुई।
परिजनों ने मरीज की गंभीर हालत का हवाला देते हुए किसी एक को मिलने की अनुमति मांगी और कहा कि वे सिर्फ भभूत लगाने के लिए अंदर जाना चाहते हैं। हालांकि, गार्ड्स ने यह अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
हिंसा और वीडियो बनाने पर विवाद
परिजनों ने जबरदस्ती अंदर घुसने की कोशिश की, जिसके बाद महिला गार्डों के साथ उनकी झड़प हो गई। इस पर सिक्योरिटी गार्ड्स ने परिजनों को घेरकर मारपीट की। इस दौरान वहां मौजूद अन्य लोगों ने वीडियो बनाने की कोशिश की, जिसे देखकर गार्ड्स ने उनके मोबाइल फोन छीन लिए।
अस्पताल प्रबंधन का पक्ष
अरबिंदो अस्पताल के सीईओ राजीव सिंह ने परिजनों के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि पेशेंट आईसीयू में एडमिट थी और परिजन एक साथ सात लोग आईसीयू में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जो कि नियमों के खिलाफ है। अस्पताल का कहना है कि परिजन काला जादू करने की कोशिश कर रहे थे और मना करने पर उन्होंने महिला गार्डों के साथ मारपीट की।
स्थिति बेकाबू होने पर गार्ड्स को सख्त कदम उठाने पड़े, जिसके बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल ने पुलिस को घटना का वीडियो सौंपने की बात कही है, जिसमें परिजनों द्वारा की गई मारपीट दिखाई गई है।
अस्पताल के स्टाफ ने भी घटना के बाद काम करने से मना कर दिया और सिक्योरिटी गार्ड्स के सख्त कार्रवाई की मांग की।