जम्मू-कश्मीर में सड़क सुरक्षा और नाबालिग बच्चों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेट्रोल पंप संचालकों ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब से, नाबालिगों द्वारा चलाए जा रहे वाहनों को ईंधन प्रदान नहीं किया जाएगा। इस फैसले के तहत, जम्मू के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर ‘‘नाबालिगों के लिए ईंधन नहीं’’ संबंधी पोस्टर लगाए गए हैं।
पोस्टर लगाने की पहल
यह अभियान सबसे पहले जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर गांधी नगर क्षेत्र के पेट्रोल पंपों से शुरू किया गया। इन पोस्टरों में विशेष रूप से उन नाबालिगों को लक्षित किया गया है, जो बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चला रहे हैं या चार पहिया वाहन चला रहे हैं। एक पेट्रोल पंप कर्मचारी ने बताया, "इस कदम का मुख्य उद्देश्य नाबालिगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना और कम उम्र में वाहन चलाना गंभीर खतरे पैदा करता है।"
लोगों ने फैसले की सराहना की
सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर उठाए गए इस कदम की व्यापक स्तर पर सराहना हो रही है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह पहल सड़क पर बढ़ती दुर्घटनाओं और बच्चों की असमय मौत को रोकने में मददगार साबित होगी।
सड़क दुर्घटना ने दी चेतावनी
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब हाल ही में 14 नवंबर को श्रीनगर के टेंगपोरा इलाके में दो वाहनों की टक्कर में दो नाबालिग लड़कों की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना ने नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने और सड़क सुरक्षा पर गंभीर बहस छेड़ दी है।
जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा निदेशालय का परिपत्र
इस मसले पर जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा निदेशालय (डीएसई) ने भी सक्रिय रुख अपनाते हुए एक परिपत्र जारी किया है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नाबालिग विद्यार्थियों द्वारा स्कूल या कोचिंग सेंटर जाते समय मोटर वाहन चलाने की घटनाएं संज्ञान में आई हैं।
डीएसई ने आदेश दिया है कि स्कूल और कोचिंग सेंटर अपने छात्रों और उनके अभिभावकों को कम उम्र में वाहन चलाने से होने वाले खतरों और मोटर वाहन अधिनियम के उल्लंघन के परिणामों के बारे में जागरूक करें। परिपत्र में यह भी कहा गया है कि इस तरह के कृत्यों से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है और सार्वजनिक सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
क्या है मोटर वाहन अधिनियम का प्रावधान?
मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद, कई नाबालिग बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाते देखे जाते हैं।
सार्वजनिक जागरूकता पर जोर
सरकार और स्थानीय प्रशासन का मानना है कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी संबंधित पक्षों को जिम्मेदारी लेनी होगी। पेट्रोल पंपों द्वारा शुरू की गई यह पहल इसी दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
समाज की जिम्मेदारी
सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना सिर्फ प्रशासन का नहीं, बल्कि पूरे समाज का दायित्व है। अभिभावकों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे कम उम्र में वाहन न चलाएं। स्कूल, कोचिंग सेंटर, और सार्वजनिक संस्थानों को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना चाहिए।
निष्कर्ष
पेट्रोल पंपों द्वारा नाबालिगों को ईंधन न देने का यह निर्णय एक स्वागत योग्य पहल है। यह कदम न केवल सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होगा, बल्कि नाबालिगों को भी उनकी सुरक्षा और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करेगा। सरकार और प्रशासन को ऐसे कदमों को और मजबूती से लागू करने की आवश्यकता है।