कोलकाता रेप-मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, डॉक्टरों को तुरंत ड्यूटी पर लौटने का निर्देश

डॉक्टरों की हड़ताल पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी

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कोलकाता रेप-मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, डॉक्टरों को तुरंत ड्यूटी पर लौटने का निर्देश
डॉक्टरों की हड़ताल पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को इस केस की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और CBI की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए।

डॉक्टरों की हड़ताल पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि यदि डॉक्टर 12 सितंबर शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस हड़ताल के चलते अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों मरीजों का इलाज रुक गया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मरीजों की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सबूतों को लेकर सवाल

सुनवाई के दौरान CBI और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच सीसीटीवी फुटेज को लेकर भी बहस हुई। CBI ने आरोप लगाया कि उन्हें घटना से जुड़ी केवल 27 मिनट की फुटेज दी गई है, जबकि कपिल सिब्बल ने दावा किया कि सभी फुटेज सौंप दी गई हैं, लेकिन तकनीकी खामी के कारण वीडियो के कुछ हिस्सों में दिक्कत आई थी। कोर्ट ने इस पर सवाल उठाते हुए 16 सितंबर तक नई स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर विवाद

सुनवाई में CBI ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी जब मिली थी, तो वह अर्धनग्न अवस्था में थी और शरीर पर चोट के निशान थे, जिससे रेप की पुष्टि होती है। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने मामले की जांच अपने स्तर पर की, लेकिन CBI ने सैंपल को AIIMS और अन्य फॉरेंसिक लैब्स में भेजने का निर्णय लिया है।

अदालत का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज और सभी सबूतों की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया। साथ ही कोर्ट ने ट्रेनी डॉक्टर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने को लेकर भी नाराजगी जताई और सभी तस्वीरों को हटाने का आदेश दिया।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

कोर्ट ने राज्य सरकार से अस्पताल में सुरक्षा के उपायों के बारे में जानकारी मांगी। CJI चंद्रचूड़ ने पूछा कि जब अस्पताल में पहले से ही 3,700 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, तो फिर इस तरह की घटना कैसे हुई। कोर्ट ने कहा कि सरकार को अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

हड़ताल के कारण अस्पताल में सेवाएं ठप

सुप्रीम कोर्ट में पेश रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों की हड़ताल के कारण अस्पताल में ओपीडी सेवाएं बंद हैं और 1,500 से ज्यादा मरीजों की एंजियोग्राफी भी नहीं हो सकी है। 23 लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों मरीजों का इलाज रुक गया है। कोर्ट ने डॉक्टरों को तुरंत ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दिए और कहा कि यदि वे ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को

सुप्रीम कोर्ट ने CBI को 16 सितंबर तक नई स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।

इस बीच, कोर्ट ने राज्य सरकार को अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने और डॉक्टरों की हड़ताल को समाप्त करने के लिए सख्त कदम उठाने के आदेश दिए हैं।