मध्यप्रदेश : प्रदेश में अवैध कॉलोनी काटने वालों पर सरकार ?

मध्यप्रदेश : प्रदेश में अवैध कॉलोनी काटने वालों पर सरकार ?

प्रदेश में अवैध कॉलोनी कटने से रोकने के लिए कदम उठाने को लेकर अधिकारी एक बार फिर खानापूर्ति कर रहे हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के पास प्रदेश में अवैध कॉलोनी काटने वालों पर एफआईआर की जानकारी ही नहीं है। सिर्फ थानों में शिकायती आवेदन देकर रस्मअदायगी की जा रही है।

प्रदेश इस साल के अंत में चुनाव हैं। इससे पहले सरकार ने प्रदेश में 6848 कॉलोनियों को नियमित करने की शुरुआत कर दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिसंबर 2022 तक की अवैध कॉलोनियों को भी वैध करने का एलान किया है। इससे अवैध से वैध होने वाली कॉलोनियों की संख्या करीब 2500 और बढ़ जाएगी। इसके लिए सरकार अवैध कॉलोनी नियमितिकरण अधिनियम-2021 लेकर आई है। इस अधिनियम में अवैध कॉलोनी कटने से रोकने के लिए काटने वाले और कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर करने का प्रावधान है। इसके बावजूद राजधानी भोपाल में बैठे अधिकारी अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ सख्ती करने की खानापूर्ति कर रहे हैं। संचानालय के अधिकारियों के पास सिर्फ पुलिस थाने में दी जाने वाली शिकायतों की संख्या है। अब तक कितने मामले में एफआईआर हुई, जहां आवेदन पर लंबे समय से एफआईआर नहीं हुई उसकी मॉनीटरिंग को लेकर ना तो कोई सिस्टम है और ना ही कोई मॉनीटरिंग हो रही है। हद तो यह है कि अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई की जिम्मेदारी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद की है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि दोषियों पर कार्रवाई कैसे सुनिश्चित होगी।

कॉलोनी की संख्या और नगरीय निकाय
2282 कॉलोनी 16 नगर निगम में अवैध से वैध हो रहीं
4566 कॉलोनी 235 नगर पालिका और परिषद में अवैध से वैध हो रहीं।

यह है सजा का प्रावधान
जानकारों का कहना है कि अवैध कॉलोनी काटने के मामले में छह माह से 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

नगर निगम, नपा अधिकारियों की जिम्मेदारी
नगरीय प्रशासन संचालनालय की अपर आयुक्त रूचिका चौहान ने बताया कि अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ एफआईआर की जिम्मेदारी नगर निगम नगर पालिका और नगर परिषद के अधिकारियों की है। एफआईआर को लेकर हमारे पास कोई जानकारी नहीं है।

16 नगर निगमों में वैध होने वाली कॉलोनियों की संख्या
भोपाल 320, इंदौर 196, खड़वा 338, बुरहानपुर 35, उज्जैन 34, देवास 97, रतलाम 62, जबलपुर 224, कटनी 91, छिंदवाड़ा 172, ग्वालियर 429, मुरैना 30, रीवा 40, सतना 137, सिंगरौली 9, सागर 68