मध्य प्रदेश के तीन नए मेडिकल कॉलेज—नीमच, मंदसौर, और सिवनी—में अब MBBS की 100-100 सीटों पर दाखिला लिया जा सकेगा। पहले इन कॉलेजों को नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा 50-50 सीटों पर अनुमति दी गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने इन कॉलेजों में MBBS की सीटें बढ़ाने की अपील की थी। इस अपील पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी देते हुए अब सीटों की संख्या बढ़ाकर 100 कर दी है।
राज्य सरकार की अपील और मंजूरी की प्रक्रिया
मध्य प्रदेश सरकार चाहती थी कि इन तीनों मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि प्रदेश के गवर्नमेंट स्कूल कोटा वाले छात्रों को इसका लाभ मिल सके और वे सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कम शुल्क पर चिकित्सा की पढ़ाई कर सकें। इसी उद्देश्य से सरकार ने पहली बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से सीटें बढ़ाने की अपील की थी।
हालांकि, प्रारंभ में NMC ने इस अपील को खारिज कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने पुनः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अपील की। अब इस दूसरी अपील पर मंत्रालय ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सीटें बढ़ाने का कारण: फैकल्टी की समस्या का समाधान
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सीटें न बढ़ाने के पीछे का मुख्य कारण फैकल्टी की कमी थी, जिसे अब काफी हद तक पूरा कर लिया गया है। बायोकेमिस्ट्री विभाग में भी फैकल्टी की भर्ती की प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है। इस वजह से राज्य सरकार ने दूसरी बार अपील की थी, जो अब सफल हो गई है।
आगे की योजनाएं: नए मेडिकल कॉलेजों की तैयारी
सीटों में वृद्धि के अलावा राज्य सरकार बुधनी, श्योपुर, और सिंगरौली में भी नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का कार्य शुरू कर चुकी है। इन नए कॉलेजों में भी अगले सत्र से MBBS के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त
सीटें बढ़ाने की स्वीकृति मिलने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “2024-2025 सत्र की शुरुआत में सुंदरलाल पटवा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय मंदसौर, वीरेंद्र कुमार सकलेचा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय नीमच, एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सिवनी में 50-50 सीटों की स्वीकृति मिली थी। अब, राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने सीटों की संख्या बढ़ाकर 100-100 कर दी है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी और स्वास्थ्य मंत्री नड्डा का आभार मानता हूं।”
इस फैसले से न केवल राज्य के छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे, बल्कि अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को भी मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।
स्रोत: मुख्यमंत्री का ट्वीट, चिकित्सा शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश सरकार