प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सीजेआई पर सवाल उठाए हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष की आलोचना का जोरदार जवाब दिया है।
भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने विपक्ष की प्रतिक्रियाओं को 'गैर-जरूरी' और 'लापरवाही भरी' बताते हुए कहा कि शीर्ष अदालत पर निराधार आरोप लगाना एक खतरनाक उदाहरण है। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को CJI के घर गणेश पूजा में हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम के वीडियो में सीजेआई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी कल्पना दास प्रधानमंत्री का स्वागत करते नजर आ रहे हैं।
इस कार्यक्रम पर विपक्षी नेताओं और कुछ वकीलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि सीजेआई के घर धार्मिक आयोजन में प्रधानमंत्री की उपस्थिति पर राजनीति करना अनुचित है। उन्होंने याद दिलाया कि जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इफ्तार पार्टी का आयोजन करते थे, तो चीफ जस्टिस भी उसमें शामिल होते थे। पात्रा ने सवाल किया कि जब इफ्तार पार्टी में दोनों नेता एक साथ बैठ सकते हैं, तो गणेश पूजा में शामिल होने पर आपत्ति क्यों है? उन्होंने इसे 'धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बचकानी' आलोचना बताया।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब संवैधानिक पदों पर बैठे लोग नेताओं से मिलते हैं, तो जनता के मन में संदेह उत्पन्न होता है। उन्होंने यह भी मांग की कि सीजेआई को शिवसेना और एनसीपी विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लेना चाहिए, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।
यह मामला शिवसेना के दोनों गुटों के बीच सुप्रीम कोर्ट में चल रहे कानूनी विवाद के बीच सामने आया है, जहां राउत ने सवाल उठाया कि क्या सीजेआई अब इस मामले में निष्पक्ष न्याय कर सकते हैं।