शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत को मानहानि केस में जमानत मिल गई है। मुंबई की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि केस में दोषी ठहराया था। हालांकि, कोर्ट ने राउत की सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है, ताकि वे अपील कर सकें। उन्हें 15 दिनों की जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
पूरा मामला क्या है?
यह मामला भाजपा नेता किरीट सौमेया की पत्नी, ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की प्रोफेसर मेधा सोमैया की शिकायत से संबंधित है। उन्होंने राउत के खिलाफ मानहानि का केस दायर करते हुए कहा था कि राउत ने 15 अप्रैल और 16 अप्रैल 2022 को उनके बारे में जो बयान दिए, वे मीडिया की हेडलाइन बन गए थे, जो कि मानहानिकारक और गलत थे। मेधा ने सबूत के तौर पर वीडियो क्लिप्स भी पेश किए और दावा किया कि राउत ने ये बयान मीडिया चैनलों को दिए थे।
कोर्ट का फैसला और प्रतिक्रियाएं
कोर्ट के सामने मेधा ने राउत से बिना शर्त माफी मांगने और इस खबर का खंडन करने की मांग की थी, ताकि भविष्य में उनके प्रति अपमानजनक सामग्री प्रकाशित होने से रोका जा सके। राउत ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस फैसले की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि जो भी आरोप उन्होंने लगाए थे, वो सिर्फ आरोप थे और यह भी कहा कि इस फैसले को पास करने वाले जज का वे दिल से सम्मान करते हैं।
संजय राउत का बयान
राउत ने कहा कि भ्रष्टाचार और अन्य गुनाहों के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों के लिए न्याय की प्राप्ति उस देश में कैसे हो सकती है, जहां प्रधानमंत्री खुद गणपति उत्सव के दौरान मुख्य न्यायाधीश के घर जाते हैं।
राउत ने यह भी कहा कि यह मामला एक विवादास्पद विषय बन गया है और देश में न्यायपालिका का केंद्रीकरण हो गया है।