जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। यह शपथग्रहण समारोह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस की शानदार जीत के बाद आयोजित किया जा रहा है। चुनाव परिणामों के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 42 सीटों पर जीत हासिल की है। उमर अब्दुल्ला को सरकार बनाने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ओर से आमंत्रण पत्र भेजा गया है। शपथग्रहण समारोह श्रीनगर में स्थित स्काइक्स में सुबह 11:30 बजे आयोजित होगा।
सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी, विपक्ष का समर्थन भी उमर अब्दुल्ला के पक्ष में
सरकार गठन की प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों ने भी उमर अब्दुल्ला को समर्थन दिया है, जिससे सरकार गठन का मार्ग और स्पष्ट हो गया है। छह सीटों वाली कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद करा, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के सचिव जीएन मलिक और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज कुमार गुप्ता ने भी समर्थन की घोषणा की है। इसके साथ ही उमर अब्दुल्ला को सरकार बनाने के लिए बहुमत मिल चुका है।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार बन रही सरकार
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर में पूर्ण सरकार का गठन किया जा रहा है। इससे पहले राज्य का प्रशासन उपराज्यपाल के अधीन रहा था। उमर अब्दुल्ला की यह सरकार जम्मू-कश्मीर के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव का प्रतीक है, क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला मौका होगा जब राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार सत्ता में आएगी।
विधानसभा में प्रमुख मुद्दे और आगे की चुनौतियां
अब जब उमर अब्दुल्ला की सरकार का गठन होने जा रहा है, तो इस सरकार के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियां और मुद्दे होंगे, जिनमें राज्य की सुरक्षा व्यवस्था, विकास कार्यों में तेजी और अनुच्छेद 370 के बाद राज्य की विशेष पहचान को बनाए रखने की दिशा में काम करना शामिल होगा।