सदन में महू मामले पर फिर हुआ में हंगामा, साधी के आंसू छलके

विधानसभा में कांग्रेस ने फिर सरकार को घेरा, पेपर लीक मामले पर भी उठे सवाल

भोपाल,  इंदौर के पास एक गांव में आदिवासी युवती की मृत्यु और उसके बाद कथित पुलिस गोलीचालन में एक युवक की मृत्यु के मामले को लेकर आज विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के हंगामा के चलते सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल पूर्ण होने तक स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होते ही फिर हंगामा हुआ व कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट किया।

सदन के बाहर रोते हुए विजय लक्ष्मी साधी ने कहा कि हमने घटना के पीड़ितों को मुआवजे की मांग की, लेकिन सरकार ने पीड़ितों पर प्रकरण दर्ज कर दिया। इससे पहले प्रश्नकाल प्रारंभ होते ही पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस विधायक बाला बच्चन और कांतिलाल भूरिया ने यह मामला उठाते हुए कहा कि वे स्वयं मौके से होकर आए हैं। वहां पर जिस युवती और युवक की मौत हुई है, उन्हीं के परिजनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में गृह मंत्री को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि शार्ट पीएम रिपोर्ट आ गयी है। युवती की मृत्यु करंट लगने से ही हुई है। जहां तक प्राथमिकी का सवाल है, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दर्ज की गई है।

एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी हुई है और इसमें लड़की के पिता का नाम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि  सरकार ने विजुअल्स (सीसीटीवी) की जांच के आदेश भी दिए हैं, जिससे स्थिति और साफ हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सदस्य कांतिलाल भूरिया कह रहे हैं कि युवती की हत्या हुई है, तो वह कैसे हुई, यह बता दें, तो उसे भी जांच में जुड़वा देंगे।

इसके बाद कांग्रेस के अनेक विधायक एकसाथ बोलने लगे और राज्य सरकार को आदिवासी विरोधी बताने लगे। इस मामले में कार्रवाई पर सवाल भी उठाने लगे। सदस्यों के एकसाथ बोलने के कारण हंगामे की स्थिति बन गई। शोरशराबा और हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने कार्यवाही प्रश्नकाल समाप्त होने तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। इंदौर जिले के महू अनुविभाग के अधीन बड़गोंदा थाना क्षेत्र मे 15 और 16 मार्च की रात्रि में एक युवती की मृत्यु के बाद लोगों की भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया था। पुलिस ने भी आत्म रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की, जिसमें भेरुलाल नाम के युवक की मृत्यु हो गई थी। सदन में कांग्रेस ने पेपर लीक मामले को लेकर भी सरकार को घेरा और कई सवाल उठाए।

विशेषाधिकार का मामला भी ….

विधानसभा की कार्रवाई के दौरान संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा पर विधानसभा की नियम पुस्तिका की किताब फेंकने के आरोप नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने लगाए थे। इसके बाद कांग्रेस के विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने किताब फाड़ दी थी । संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा, डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की सूचना पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला आज

इधर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ लाए गए कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर आज फैसला हो सकता है।
दरअसल विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से 3 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना विधानसभा के प्रमुख सचिव को दी गई थी। अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करने का निर्णय सदन में होता है, जिसे कार्यसूची में शामिल करने का निर्णय अध्यक्ष को 14 दिन में लेना होता है। यह अवधि आज पूरी हो रही है। जानकारों का कहना है कि यदि सत्र समाप्त हो जाता है तो यह अविश्वास भी शून्य हो जाएगा।

नरोत्तम के गढ़ में आज दिग्विजय का कांग्रेसजनों से संवाद

विधानसभा चुनाव की जमीनी तैयारी के तहत पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं के असंतोष दूरकर समन्वय बनाने की रणनीति के तहत आज संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के गढ़ दतिया में बैठकें कर रहे हैं। इससे पहले भोपाल संभाग व विंध्य में पिछले हफ्ते पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बैठकें कर चुके हैं। आज वे दतिया, शिवपुरी, गुना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठके लेंगे। सिंह की बैठकों में कार्यकर्ताओं को बोलने की पूरी छूट रहती है और इसे भड़ास बैठक भी कहा जाता है।