मध्य प्रदेश में पहली बार पेपरलेस मतदान प्रक्रिया को अपनाते हुए एक नई दिशा में कदम बढ़ाया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भोपाल जिले के बैरसिया विकासखंड की ग्राम पंचायत रतुआ रतनपुर में सरपंच पद के उपचुनाव के दौरान पेपरलेस वोटिंग का पायलट प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक लागू किया। मतदान केंद्र क्रमांक 295 पर यह प्रायोगिक प्रक्रिया अपनाई गई, जहां सभी मतदान संबंधी गतिविधियों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संचालित और रिकॉर्ड किया गया।
पेपरलेस बूथ की योजना: अधिक पारदर्शिता और दक्षता
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों और नगरीय निकायों में पारदर्शी और विवादमुक्त चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए पेपरलेस बूथ की योजना बनाई है। पारंपरिक चुनाव प्रक्रिया में मतदान केंद्रों पर 26 प्रपत्र भरे जाते हैं, जिनमें गलतियां होने की संभावना रहती है। ये गलतियां कई बार विवाद और कोर्ट केस का कारण भी बनती हैं। पेपरलेस बूथ के माध्यम से इन सभी प्रपत्रों को डिजिटल किया जा रहा है, जिससे मानवीय त्रुटियों को कम किया जा सकेगा और प्रक्रिया अधिक तेज व पारदर्शी होगी।
मतदाता पहचान और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डिंग
पेपरलेस मतदान प्रक्रिया के तहत मतदाताओं की पहचान और मतदान रिकॉर्ड को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संकलित किया गया। पहचान की पुष्टि के लिए मतदाताओं के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान डिजिटल रूप से दर्ज किए गए। इसके साथ ही, सभी जरूरी प्रपत्र भी ऑनलाइन भरे गए। इस प्रक्रिया के अंतर्गत मतदान की हर गतिविधि डिजिटल रूप से संरक्षित की गई, जिससे बाद में किसी भी प्रकार के विवाद की संभावना नहीं रहेगी।
ऑनलाइन अपडेट: हर दो घंटे में मतदान प्रतिशत
मतदान के दौरान हर दो घंटे में मतदान प्रतिशत की जानकारी सभी संबंधित प्लेटफॉर्म्स पर ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई। यह सुविधा मतदाता और उम्मीदवार दोनों के लिए उपयोगी रही, क्योंकि इसे किसी भी समय आसानी से ट्रैक किया जा सकता था। मतदान समाप्त होने के बाद सभी उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों को मतपत्र लेखा डिजिटल रूप से उनके ईमेल आईडी पर भेजा गया। इससे चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया।
हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का समन्वय
इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए विशेष हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया। हर मतदान केंद्र पर डिजिटल उपकरणों के माध्यम से सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखे गए। इसमें मतदाताओं की पहचान से लेकर मतदान प्रक्रिया तक हर जानकारी ऑनलाइन और सुरक्षित रखी गई, जिससे डेटा की सुरक्षा और वास्तविकता पर पूरा ध्यान दिया जा सके।
भविष्य की योजना: पूरे प्रदेश में विस्तार
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह के अनुसार, यह पायलट प्रोजेक्ट सफल साबित हुआ है और इसके अनुभवों के आधार पर इसे भविष्य में पूरे मध्य प्रदेश में लागू करने की योजना है। यह पहल न केवल चुनाव प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि इससे चुनावी विवादों और गलतियों की संभावना भी कम होगी।