जम्मू-कश्मीर में NC-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने की तैयारी: उमर अब्दुल्ला होंगे अगले मुख्यमंत्री, 11 या 12 अक्टूबर को शपथ ग्रहण संभव

जम्मू-कश्मीर में NC-कांग्रेस की सरकार बनने की तैयारी: फारूक अब्दुल्ला का ऐलान, उमर अब्दुल्ला बनेंगे अगले CM; 11 या 12 अक्टूबर को शपथ ग्रहण संभावित

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जम्मू-कश्मीर में NC-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने की तैयारी: उमर अब्दुल्ला होंगे अगले मुख्यमंत्री, 11 या 12 अक्टूबर को शपथ ग्रहण संभव
उमर अब्दुल्ला होंगे अगले मुख्यमंत्री, 11 या 12 अक्टूबर को शपथ ग्रहण संभव

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में INDIA गठबंधन ने कुल 49 सीटों पर जीत हासिल की है। गठबंधन में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) को 42 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस ने 6 और CPI(M) ने 1 सीट पर जीत दर्ज की। सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की आवश्यकता थी, जो गठबंधन ने पूरी कर ली है।

भाजपा ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की, जो पिछली बार के मुकाबले 4 सीटें अधिक हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना नौशेरा सीट से NC के उम्मीदवार से करीब 8,000 वोटों से हार गए, जिसके बाद उन्होंने पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा भेज दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP ने इस बार सिर्फ 3 सीटें जीती हैं, जबकि पिछले चुनाव में PDP को 28 सीटों पर जीत मिली थी। महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती, जो पहली बार चुनाव लड़ रही थीं, श्रीगुफवारा बिजबेहरा सीट से 9,000 से अधिक वोटों से हार गईं।

जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी (AAP) ने पहली बार जीत दर्ज की है। डोडा सीट से मेहराज मलिक ने भाजपा के गजय सिंह राणा को 4,500 से अधिक वोटों से हराया। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को एक सीट मिली, जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। अफजल गुरु के भाई ऐजाज गुरु को सोपोर सीट पर केवल 129 वोट मिले।

NC के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने ऐलान किया है कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे। शपथ ग्रहण 11 या 12 अक्टूबर को हो सकता है। उमर अब्दुल्ला ने बडगाम और गांदरबल, दोनों सीटों पर जीत हासिल की, जहां उन्होंने PDP के उम्मीदवारों को हराया।

जम्मू-कश्मीर में इस बार 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक तीन चरणों में मतदान हुआ, जिसमें कुल 63.88% वोटिंग हुई। यह 2014 में हुए चुनाव की तुलना में 1.12% कम है, जब 65% मतदान हुआ था। 5 अक्टूबर को आए एग्जिट पोल्स में 5 सर्वे ने NC-कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान लगाया था, जबकि 5 ने हंग असेंबली का दावा किया था।

क्षेत्रीय समीकरण: जम्मू में भाजपा मजबूत, कश्मीर में NC-कांग्रेस का दबदबा

जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में से 43 सीटें जम्मू रीजन और 47 सीटें कश्मीर रीजन में हैं। भाजपा ने जम्मू की सभी 43 सीटों पर चुनाव लड़ा और 29 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन कश्मीर की 47 सीटों में से एक पर भी जीत नहीं पाई। कश्मीर के गुरेज क्षेत्र में भाजपा को एक सीट जीतने की उम्मीद थी, जहां से फकीर मोहम्मद खान उम्मीदवार थे, लेकिन वे हार गए। फकीर मोहम्मद पहले 1996 में निर्दलीय विधायक चुने गए थे, लेकिन इस बार भाजपा के टिकट पर हार गए।

कश्मीर रीजन में NC और कांग्रेस का गठबंधन पहले से ही मजबूत था। NC को अपनी 42 सीटों में से 35 से अधिक सीटें कश्मीर रीजन से मिली हैं, जबकि कांग्रेस ने भी 6 सीटें जीती हैं। 2014 में दोनों पार्टियों ने मिलकर 27 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार उन्होंने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। NC ने 51 और कांग्रेस ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ा था।

फ्रेंडली फाइट: 7 सीटों पर NC और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने

हालांकि, NC और कांग्रेस ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा, लेकिन 7 सीटें ऐसी थीं, जहां दोनों पार्टियों के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरे। इन सीटों पर NC और कांग्रेस के बीच फ्रेंडली फाइट थी। ये सीटें बनिहाल, डोडा, भद्रवाह, नगरोटा, सोपोर, बारामूला, और देवसर थीं। इनमें से 4 सीटें NC को मिलीं, 2 भाजपा को, और 1 AAP को। कांग्रेस को इनमें से किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली।