मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए गेमचेंजर साबित हो रही लाड़ली बहना योजना के तहत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सितंबर महीने की राशि 1574 करोड़ रुपए महिलाओं के खातों में ट्रांसफर की। इसके साथ ही, उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों के खाते में भी 332 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। यह कार्यक्रम बीना में आयोजित हुआ, जहाँ विभिन्न मंत्री और विधायक उपस्थित रहे, लेकिन खुरई के विधायक और पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह नहीं पहुंचे। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भूपेन्द्र सिंह ने फोन पर उन्हें आवश्यक कार्य से जाने की सूचना दी थी।
कांग्रेस की मांग: राशि घटाई न जाए
कांग्रेस विधायक जयवर्द्धन सिंह ने मांग की है कि अगस्त महीने की तरह ही इस बार भी लाड़ली बहना योजना की राशि 1500 रुपए होनी चाहिए, न कि 1250 रुपए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार राशि कम करती है, तो यह महिलाओं के हित में नहीं होगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि महिलाएं भाजपा सरकार द्वारा वादे के अनुसार 3000 रुपए प्रतिमाह का इंतजार कर रही हैं।
पिछले साल मार्च में शुरू हुई योजना
लाड़ली बहना योजना मार्च 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई थी। उन्होंने वादा किया था कि योजना की राशि 3000 रुपए प्रतिमाह होगी, लेकिन अभी तक यह राशि 1250 रुपए ही मिल रही है। अगस्त महीने में 1250 रुपए के अलावा 250 रुपए रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में भी दिए गए थे। अब तक इस योजना के तहत 24 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि महिलाओं के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है।
पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
इस कार्यक्रम के पहले, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीना विधायक निर्मला सप्रे के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इस योजना और उसकी राशि को लेकर सियासत गरमा गई है, जहाँ कांग्रेस ने सरकार से वादे के मुताबिक राशि बढ़ाने की मांग की है। वहीं, मुख्यमंत्री ने अपनी ओर से योजना को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अहम बताया है।