संगठन पर्व: भाजपा का बड़ा महापर्व और मोहन की रणनीति
भाजपा का सबसे बड़ा महापर्व, संगठन पर्व, शुरू हो चुका है, जिसमें नए कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ा जाएगा और मंडल से लेकर जिला और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस अभियान के तहत भाजपा को केंद्र और राज्य सरकारों के डबल इंजन के बावजूद नए सदस्यों की जरूरत है, जो पार्टी को अन्य दलों से अलग करता है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के नेतृत्व में यह संगठन पर्व अटल आडवाणी के दौर से लेकर मोदी-शाह के दौर तक, मध्य प्रदेश में मजबूत संगठन और कैडर के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। पिछले दो दशकों में शिवराज सरकार के दौरान संगठन चुनाव का सत्ता में रहते महत्वपूर्ण स्थान रहा है। अब, मध्य प्रदेश में मोहन यादव की सरकार के तहत संगठन और सत्ता में आयातित नेताओं और उनके समर्थकों की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
पार्टी की पांच निष्ठा वाली नीति के तहत, भाजपा अब पीढ़ी परिवर्तन और बदलाव के दौर से गुजर रही है। इस बीच, हाई कमान का बढ़ता हस्तक्षेप और संघ की बढ़ती दिलचस्पी संगठन के नए स्वरूप पर सबकी नजर टिकाए हुए हैं। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बदलाव और नई चुनौतियों के साथ, भाजपा संगठन चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में इस महापर्व को बड़े महत्व के रूप में देख रही है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पार्टी दफ्तर में अपने संबोधन के दौरान सदस्यता अभियान को एक नई दिशा दी है। सांसदों से लेकर महापौर और जिला पंचायत से लेकर जनपद पंचायत तक हर जनप्रतिनिधि को सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है। सीएम ने कार्यकर्ताओं को चुनौती देते हुए कहा कि जो ज्यादा सदस्य बनाएगा, उसे ज्यादा ईनाम मिलेगा। इससे यह संकेत मिलता है कि निगम मंडल और अन्य राजनीतिक नियुक्तियों से जुड़े नेताओं को भी खुद को साबित करने का एक और मौका दिया जा रहा है।
सीएम के संदेश के अनुसार, सदस्यता अभियान के लिए हर स्तर पर जनप्रतिनिधियों को लक्ष्य दिए गए हैं, जैसे सांसद को 25 हजार, विधायक को 15 हजार, और जिला पंचायत अध्यक्ष को 10 हजार लोगों को जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है। भाजपा ने पूरे देश में दस करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है, और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में यह अभियान चल रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने संबोधन में 2013 से 2018 के बीच के आंकड़ों का हवाला देकर सदस्यता अभियान की महत्ता समझाई और कहा कि इस बार प्रदेश के लगभग साढ़े चार करोड़ मतदाताओं में से आधे को अपने पाले में लाना है। यह अभियान भाजपा की आगामी निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव की रणनीति के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
संगठन पर्व के इस दौर में, पद पाने के इच्छुक नेताओं को अब काम करके दिखाना होगा। सीएम के इस संदेश के साथ, भाजपा के सदस्यता अभियान और संगठन चुनाव पर सबकी नजरें टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस अभियान के माध्यम से कितने नए सदस्य जोड़ने में सफल होती है और क्या मोहन और वीडी की जोड़ी नए कीर्तिमान स्थापित कर पाएगी।