सरकार ने 32 लाख पूर्व सैनिकों के लिए उठाया ‘ऐतिहासिक’ कदम, सेहत को देखते हुए लिया ये बड़ा फैसला

सरकार ने 32 लाख पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसे ‘ऐतिहासिक’ कदम माना जा रहा है।

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सरकार ने 32 लाख पूर्व सैनिकों के लिए उठाया ‘ऐतिहासिक’ कदम, सेहत को देखते हुए लिया ये बड़ा फैसला
पूर्व सैनिकों के लिए दीपावली का उपहार

सरकार ने 32 लाख पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसे ‘ऐतिहासिक’ कदम माना जा रहा है। यह फैसला उन भूतपूर्व सैनिकों के लिए एक बड़ा राहत देने वाला है, जो एक्स-सर्विसमैन कॉन्ट्रीब्यूट्री हेल्थ स्कीम (ECHS) के अंतर्गत लाभार्थी हैं। इस नए फैसले के तहत, अब इन सैनिकों को बार-बार पॉलीक्लिनिक जाकर रेफरल लेने की जरूरत नहीं होगी। एक बार रेफरल मिलने के बाद सभी तरह के टेस्ट और जांच सीधे रेफरल अस्पताल में ही किए जा सकेंगे। पहले प्रत्येक टेस्ट के लिए अलग-अलग रेफरल लेने की आवश्यकता होती थी, जिससे मरीजों को कई बार अस्पताल और पॉलीक्लिनिक के चक्कर लगाने पड़ते थे।

इस पहल को सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों के लिए दीपावली का उपहार माना जा रहा है। विशेषकर वे सैनिक जो लगातार स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें इससे काफी राहत मिलेगी। 18 अक्टूबर को जारी (रेफरेंस नंबर: ECHS/RCH/4076/Policy/Med) आदेश में बताया गया है कि अब यदि किसी इन्वेस्टिगेशन की लागत 3000 रुपये या उससे अधिक है, जैसे कि सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन, पीईटी स्कैन, आदि, तो इन सभी टेस्टों का रेफरल सीधे इम्पैनल अस्पताल से लिया जा सकेगा। इससे पहले, इन टेस्टों के लिए अलग-अलग रेफरल लेना पड़ता था। अब यह रेफरल तीन महीने के लिए वैध रहेगा।

इससे पहले यह सुविधा केवल वरिष्ठ नागरिकों के लिए ही उपलब्ध थी, लेकिन अब इसे सभी ECHS लाभार्थियों के लिए लागू कर दिया गया है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी आवश्यक टेस्ट केवल सुपर स्पेशलिस्ट या विशेषज्ञों द्वारा ही निर्धारित किए जाने चाहिए, और अनावश्यक टेस्ट कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

4 अक्टूबर को रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक अन्य आदेश में ECHS रेफरल प्रक्रिया में संशोधन किया गया था। इसके तहत पहले रेफरल केवल एक महीने के लिए वैध होता था, लेकिन अब इसे तीन महीने के लिए वैध कर दिया गया है। इस नए प्रावधान के तहत, एक अस्पताल में किसी स्पेशलिस्ट से छह बार तक कंसल्टेशन लिया जा सकता है। इसके अलावा, अगर किसी मुख्य स्पेशलिस्ट द्वारा अन्य विशेषज्ञों के पास रेफर किया जाता है, तो तीन विशेषज्ञों तक का कंसल्टेशन लिया जा सकेगा।

कैंसर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, और हृदय रोगों के मामलों में रेफरल पहले की तरह 180 दिनों के लिए मान्य रहेगा। इसके साथ ही, 70 साल या उससे अधिक उम्र के लाभार्थियों को बिना रेफरल के भी इम्पैनल्ड अस्पतालों के विशेषज्ञों से ओपीडी कंसल्टेशन की सुविधा मिलेगी। पहले यह सुविधा 75 वर्ष से अधिक उम्र के लिए थी, जिसे अब घटाकर 70 वर्ष कर दिया गया है।

आपातकालीन स्थितियों में किसी टेस्ट या प्रक्रिया के लिए बिना अनुमति के इन्हें कराया जा सकेगा, लेकिन गैर-आपातकालीन मामलों में सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृति लेनी होगी।

सरकार का यह कदम पूर्व सैनिकों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है और इसे उनके स्वास्थ्य देखभाल अनुभव को सरल बनाने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है।