इंदौर, 3 घंटे पहले
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि इंदौर-उज्जैन मेट्रो परियोजना सिंहस्थ 2028 से पहले पूरी हो जाएगी। इस मेट्रो के साथ वंदे भारत मेट्रो भी चलाई जाएगी, जो 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। यह मेट्रो इंदौर और उज्जैन के बीच ब्रॉडगेज पर चलेगी।
इंदौर में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि इंदौर, उज्जैन, देवास, और धार के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इंदौर और उज्जैन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट सबसे अच्छी आई है, और प्रदेश में विकास के मामले में मध्यप्रदेश एक मॉडल बनेगा।
विकास कार्यों की समीक्षा बैठक
रविवार को इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री बनने के बाद सीएम ने पहली बैठक ली। इस बैठक में विकास से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की गई और सुझाव लिए गए। उन्होंने बताया कि भविष्य में विस्तार योजना में रेल, सड़क, हवाई मार्ग, औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र प्रमुख होंगे।
बैठक में शहरी और ग्रामीण निकायों के तालमेल पर भी चर्चा हुई। सीएम ने कहा कि इंदौर में विकास कार्यों की गति बढ़ेगी और समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
एलिवेटेड ब्रिज पर महत्वपूर्ण फैसला
इंदौर में LIG से नवलखा तक प्रस्तावित एलिवेटेड ब्रिज का फिजिबिलिटी सर्वे किया गया, जिसमें इसकी उपयोगिता सिर्फ 3% पाई गई। इस कारण इसे नहीं बनाने का फैसला हुआ और इसके स्थान पर छह छोटे ब्रिज बनाए जाएंगे।
29 गांवों के विकास की योजना
बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 29 गांवों के विकास के लिए विशेष फंड और नजूल की जमीन नगर निगम को हस्तांतरित करने की मांग की, जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी दी। इसके अलावा, पश्चिमी रिंग रोड (चंदन नगर) के विकास के लिए भी सीएम ने स्वीकृति दी।
कान्ह नदी की सफाई पर जोर
बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कान्ह नदी की सफाई का मुद्दा उठाया और कहा कि सफाई का काम दिखना भी चाहिए। वहीं, मंत्री तुलसी सिलावट ने सांवेर की सड़कों के विकास की मांग की। अन्य विधायकों ने भी अपने क्षेत्रों से जुड़े मुद्दे बैठक में रखे।