नई दिल्ली में हुए राइजिंग राजस्थान सम्मेलन में समझौता
नई दिल्ली में सोमवार को आयोजित राइजिंग राजस्थान निवेशक सम्मेलन के दौरान टाटा पावर ने राज्य सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। कंपनी ने राजस्थान के बिजली क्षेत्र में 1.2 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई है। इसमें से 75,000 करोड़ रुपये ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स में लगाए जाएंगे। इस निवेश का उद्देश्य राजस्थान को पावर सरप्लस राज्य बनाना और 24 घंटे सस्ती, स्वच्छ और भरोसेमंद बिजली की सप्लाई सुनिश्चित करना है। इस निवेश से पीएम सूर्य घर योजना को भी सहायता मिलेगी।
टाटा पावर का बड़ा निवेश
कंपनी के अनुसार, यह 10 साल की योजना है, जिसका मकसद राजस्थान को बिजली की कमी से मुक्त करना है। इतना ही नहीं, इस समझौते के जरिए 28,000 से ज्यादा नौकरियों का सृजन होगा। टाटा पावर ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, विनिर्माण, पारेषण, वितरण, परमाणु ऊर्जा, रूफटॉप सोलर प्लांट और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग जैसी कई क्षेत्रों में निवेश करने की योजना बनाई है।
कंपनी के शेयर में उतार-चढ़ाव
टाटा पावर के इस ऐलान के बाद कंपनी के शेयर में हल्की गिरावट देखने को मिली। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, टाटा पावर का शेयर 0.49% की गिरावट के साथ 482.70 रुपए पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इसका निचला स्तर 473.65 रुपए रहा, जबकि 27 सितंबर को टाटा पावर का शेयर 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर 494.85 रुपए पर पहुंचा था।
नवीकरणीय ऊर्जा पर विशेष ध्यान
इस योजना के तहत 75,000 करोड़ रुपये नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए होंगे, जिनमें सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। इसके अलावा, 1,000 करोड़ रुपये राजस्थान में 1 लाख ईवी चार्जिंग पॉइंट्स लगाने के लिए निवेश किए जाएंगे। 10 लाख मकानों के लिए रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे, जिससे पीएम सूर्य घर योजना को बल मिलेगा।
सामाजिक-आर्थिक बदलाव
राज्य की पारेषण और वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे बिजली की गुणवत्ता में सुधार और ऊर्जा हानि को कम किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने और पारेषण प्रणाली के लिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश भी निर्धारित है। इस निवेश का राज्य में सामाजिक और आर्थिक बदलाव पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और 28,000 से ज्यादा प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी।
निष्कर्ष
टाटा पावर का यह निवेश राजस्थान की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बदलने के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बल देगा। ग्रीन एनर्जी में यह निवेश राज्य को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा, और इससे रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।