नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2024: रतन टाटा का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात को निधन हो गया। मुंबई के अस्पताल में उन्होंने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। रतन टाटा केवल एक व्यवसायी नहीं, बल्कि एक सादगी से भरे, नेक और दरियादिल इंसान थे, जो लोगों के लिए एक आदर्श और प्रेरणास्रोत थे। उन्होंने 1991 से 2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन के रूप में सेवा दी और इस दौरान कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए टाटा को एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बना दिया।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर हुआ। उन्होंने 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस मैनेजमेंट कार्यक्रम पूरा किया। रतन टाटा ने 1962 में टाटा समूह में सहायक के रूप में प्रवेश किया और बाद में टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (अब टाटा मोटर्स) में प्रशिक्षण लिया।
रतन टाटा की प्रमुख उपलब्धियां:
- 1991-2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन रहे।
- जैगुआर लैंड रोवर की खरीद (2008)।
- टाटा स्टील की वैश्विक पहुंच बढ़ाना।
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की वैश्विक पहुंच का विस्तार करना।
पुरस्कार और सम्मान:
- पद्म विभूषण (2008)
- पद्म भूषण (2000)
- ऑनररी नाइट कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (2009)
परोपकार और सामाजिक कार्य:
रतन टाटा को उनकी परोपकारिता और समाज सेवा के कार्यों के लिए व्यापक रूप से सराहा जाता है। उनके नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट ने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अविवाहित रहने का निर्णय:
रतन टाटा ताउम्र अविवाहित रहे। उन्होंने चार बार शादी करने का सोचा, लेकिन विभिन्न कारणों से शादी नहीं कर सके। एक बार उन्होंने स्वीकार किया था कि जब वह लॉस एंजेलेस में काम कर रहे थे, तब उन्हें प्यार हो गया था, लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण लड़की के माता-पिता उसे भारत भेजने के लिए राजी नहीं थे।