महिला सुरक्षा के लिए एमपी में बने 57 वन स्टॉप सेंटर: सशक्तिकरण का बड़ा अभियान

मध्य प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है,

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महिला सुरक्षा के लिए एमपी में बने 57 वन स्टॉप सेंटर: सशक्तिकरण का बड़ा अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मध्य प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिसमें 52 जिलों में 57 वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों ने अगस्त 2024 तक 98,636 महिलाओं को पंजीकृत किया है और उन्हें विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान की है। इनमें से लगभग 78 प्रतिशत महिलाओं को घरेलू हिंसा से संबंधित मदद दी गई है।

समस्या का समाधान

महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने इस समस्या से निपटने और महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की है। यह केंद्र मिशन शक्ति के संबल उपयोजना के अंतर्गत स्थापित किए गए हैं, जिसका लक्ष्य पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को एक ही स्थान पर सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराना है।

वन स्टॉप सेंटर की विशेषताएं

  1. सुरक्षित आश्रय और तात्कालिक सहायता: वन स्टॉप सेंटर उन महिलाओं को तत्काल आश्रय और सुरक्षा प्रदान करता है जो घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, यौन हिंसा, या अन्य प्रकार की शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का शिकार हुई हैं।
  2. कानूनी सहायता और परामर्श: ये केंद्र पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान करते हैं, जिससे वे अपने अधिकारों को समझ सकें और आवश्यक कानूनी कदम उठा सकें।
  3. चिकित्सा सहायता: यहां महिलाओं को तत्काल चिकित्सा सहायता मिलती है। हिंसा या प्रताड़ना से घायल महिलाओं को नजदीकी स्वास्थ्य सेवाओं के साथ समन्वय कर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
  4. मनोवैज्ञानिक परामर्श: प्रशिक्षित परामर्शदाता महिलाओं को मानसिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करते हैं, जिससे उनका आत्म-विश्वास मजबूत होता है।
  5. पुनर्वास सेवाएं: वन स्टॉप सेंटर महिलाओं को पुनर्वास सेवाएं भी प्रदान करते हैं, जिससे जरूरत पड़ने पर उन्हें उनके परिवार के साथ पुनर्स्थापित किया जा सकता है या स्वतंत्र जीवन जीने का अवसर प्रदान किया जाता है।
  6. आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रशिक्षण: ये केंद्र महिलाओं को रोजगार और स्व-रोजगार के लिए विभिन्न कौशल में प्रशिक्षित करते हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन सकें और समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त कर सकें।

सहायता के आंकड़े

इस योजना के अंतर्गत दहेज उत्पीड़न, बलात्कार, यौन अपराध, बाल विवाह, गुमशुदा, अपहरण, और निराश्रित मामलों में यथोचित मदद की गई है। वर्ष 2019-20 में कुल 6,352 महिलाओं को सहायता मिली थी, जबकि वर्ष 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 21,490 हो गई है।

अब सभी वन स्टॉप सेंटर में वाहनों का प्रावधान भी किया गया है, जिससे दूरस्थ महिलाओं को भी त्वरित सहायता मिल सकेगी। यह पहल न केवल महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, बल्कि उन्हें सशक्त भी बनाती है।

मध्य प्रदेश की यह वन स्टॉप सेंटर योजना महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।