अरविंद केजरीवाल: पहले सिसोदिया, अब के. कविता को मिली जमानत, क्या जल्द आएगी केजरीवाल की बारी? आम आदमी पार्टी उत्साहित

क्या अरविंद केजरीवाल की जमानत का समय आ गया है?

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अरविंद केजरीवाल: पहले सिसोदिया, अब के. कविता को मिली जमानत, क्या जल्द आएगी केजरीवाल की बारी? आम आदमी पार्टी उत्साहित

संक्षिप्त विवरण

आम आदमी पार्टी के लिए एक संभावित वरदान, अगर अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलती है। पार्टी वर्तमान में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनावों में व्यस्त है, साथ ही दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारी भी कर रही है।

विस्तार से

सर्वोच्च न्यायालय ने 'जेल अपवाद, जमानत नियम' की अवधारणा को एक बार फिर पुष्ट करते हुए बीआरएस नेता के. कविता को जमानत दे दी है। के. कविता को भी जमानत के लिए दस लाख रुपये का मुचलका भरना होगा और अपना पासपोर्ट जमा करना होगा। अदालत ने कहा कि मामले से संबंधित साक्ष्य जुटा लिए गए हैं, लेकिन सुनवाई में लंबा समय लग सकता है, इसलिए उन्हें जेल में नहीं रखा जा सकता।

इससे पहले, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी इसी आधार पर जमानत मिली थी। कानूनी जानकारों का कहना है कि सिसोदिया की जमानत को रूल ऑफ प्रेसीडेंस के रूप में नहीं लिया जा सकता, लेकिन के. कविता को जमानत देने में अपनाए गए रुख से संकेत मिलते हैं कि अदालत अरविंद केजरीवाल के मामले में भी इसी तरह का रुख अपना सकती है।

अगर अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल जाती है, तो यह आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा लाभ हो सकता है। पार्टी इस समय हरियाणा के चुनावों में व्यस्त है और जम्मू-कश्मीर में अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। इसके अलावा, पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारी करनी है, जो उनकी पूरी साख पर दांव लगा सकते हैं।

राजनीतिक विश्लेषक कुमार राकेश का कहना है कि मनीष सिसोदिया और के. कविता के मामलों में अदालत ने जिस रुख को अपनाया है, उसी के आधार पर अरविंद केजरीवाल को भी जमानत मिल सकती है। इसके बाद लंबी अदालती प्रक्रिया शुरू होगी, जिससे आम आदमी पार्टी को आगामी चुनावों के लिए समय मिल सकता है, और यह पार्टी को चुनावी तैयारियों में लाभ पहुंचा सकता है।