उज्जैन। हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के 15 मिनट वाले बयान पर उज्जैन के संतों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। नाथ संप्रदाय और नागा साधुओं के प्रमुख संतों ने ओवैसी की टिप्पणी को चुनौती देते हुए कहा है कि वह 15 मिनट नहीं, बल्कि सिर्फ 5 मिनट में उनका जवाब देने के लिए तैयार हैं।
नाथ संप्रदाय के संत रामनाथ महाराज और आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने इस मुद्दे पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दोनों हथियारों के साथ नजर आए। इस वीडियो में उन्होंने ओवैसी को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि संत समाज शास्त्र और शस्त्र दोनों से सुसज्जित है और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।
संतों का सीधा संदेश
नाथ संप्रदाय के संत रामनाथ महाराज ने कहा, "ओवैसी, सुन लो! हम संत समाज एक हाथ में शास्त्र और दूसरे में शस्त्र रखते हैं। तुम 15 मिनट की बात कर रहे हो, लेकिन हमारे लिए 5 मिनट भी काफी हैं। देशभर में नागा संप्रदाय के इतने संत हैं कि तुम्हारी चुनौती का जवाब देने में देर नहीं लगेगी।"
महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने भी ओवैसी के बयान की निंदा करते हुए कहा, "हम तुम्हें 15 दिन देते हैं। तुम मैदान में आकर देखो। संत समाज के पास वह शक्ति और संकल्प है जो किसी भी गंदी सोच को मिटा सकता है।"
ओवैसी पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोप
महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने ओवैसी पर देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "ओवैसी अपनी जाति के लोगों को भड़काने का काम करते हैं। उनकी सभाओं पर प्रतिबंध लगना चाहिए। अगर ऐसा बयान कोई हिंदू देता, तो तुरंत एफआईआर हो जाती।"
उन्होंने यह भी कहा कि ओवैसी जिस तरह से 15 मिनट पुलिस हटाने की बात कर रहे हैं, उससे उनकी मंशा साफ झलकती है। उन्होंने कहा, "अगर पुलिस हटाई गई है तो आओ, तुम्हें चुनौती स्वीकार है। महाराणा प्रताप और शिवाजी की संतानों को तुम्हारी गंदगी साफ करने में देर नहीं लगेगी।"
संत समाज की एकजुटता
रामनाथ महाराज और अतुलेशानंद महाराज ने अपने बयान में नागा साधुओं और संत समाज की एकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संत समाज शस्त्र और शास्त्र दोनों से सुसज्जित है और जब भी आवश्यकता पड़ेगी, वे मैदान में उतरने को तैयार हैं।
बीजेपी सांसद का समर्थन
भाजपा सांसद उमेशनाथ महाराज ने संतों के इस बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "ओवैसी को संत समाज की ताकत का अंदाजा नहीं है। अगर उन्हें अपनी ताकत पर भरोसा है, तो मैदान में आकर देख लें।"
देश में शांति बनाए रखने का आह्वान
हालांकि संतों के इस बयान ने विवाद को नया मोड़ दे दिया है, लेकिन इसका एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव देखने को मिल सकता है। ओवैसी के बयान और संतों की प्रतिक्रिया ने सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
निष्कर्ष
ओवैसी के विवादित बयान और संत समाज की कड़ी प्रतिक्रिया से एक बार फिर धर्म और राजनीति के बीच तनाव का मुद्दा सामने आया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे को कैसे संभालती हैं ताकि देश में शांति और सौहार्द्र बनाए रखा जा सके।