धुबेला महल की खूबसूरती पर मोहित हुईं प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया, कहा- "ग्वालियर के महलों जैसी झलक"

प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने धुबेला महल और संग्रहालय का दौरा करते हुए वहां के अद्भुत स्थापत्य और प्राचीन धरोहरों की प्रशंसा की।

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धुबेला महल की खूबसूरती पर मोहित हुईं प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया, कहा- "ग्वालियर के महलों जैसी झलक"
विश्व धरोहर दिवस पर छतरपुर के धुबेला महल पहुंची प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया।

विश्व धरोहर दिवस पर बुंदेलखंड के पर्यटन स्थलों की शोभा देखते ही बन रही थी। इस अवसर पर सैलानियों ने छतरपुर के धुबेला महल, मस्तानी महल और धुबेला संग्रहालय का जमकर दीदार किया। इनमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया भी शामिल थीं। उन्होंने इन स्थलों की कलात्मकता को सराहा और बुंदेलखंड की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत पर अपने विचार साझा किए।

धुबेला महल की कलात्मकता ने खींचा ध्यान

प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने धुबेला महल और संग्रहालय का दौरा करते हुए वहां के अद्भुत स्थापत्य और प्राचीन धरोहरों की प्रशंसा की। उन्होंने संग्रहालय में प्रदर्शित छायाचित्रों और अन्य ऐतिहासिक वस्तुओं को करीब से देखा और उनकी तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कीं। उनके अनुसार, धुबेला महल में ओरछा और ग्वालियर के महलों की झलक देखने को मिलती है।

उन्होंने कहा, "यहां आकर बहुत अच्छा लगा। इस महल की कलात्मकता में बुंदेलखंड की समृद्ध विरासत झलकती है। कुछ चीजें देखने से रह गईं हैं, जिन्हें देखने के लिए मैं दोबारा आऊंगी।"

संग्रहालय की टीम को सुझाव दिए

संग्रहालय के प्रभारी सुल्तान सिंह ने प्रियदर्शिनी को धरोहरों और प्रदर्शित वस्तुओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि धरोहरों को संरक्षित करना और उन्हें प्रचारित करना बेहद जरूरी है। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि महल की दीवारों पर लिखावट या अन्य नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और जुर्माना लगाया जाए।

धरोहरों पर उमड़ी सैलानियों की भीड़

विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर पुरातत्व विभाग ने खजुराहो और धुबेला महल जैसे प्रमुख स्थलों पर निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था की थी। इसका लाभ उठाते हुए खजुराहो में 1200 और धुबेला में 400 से अधिक सैलानी पहुंचे। धुबेला महल में आयोजित “नंदी प्रतिमाएं” पर आधारित सात दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी ने भी सैलानियों का ध्यान आकर्षित किया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन डिप्टी कलेक्टर काजोल सिंह (आईएएस) ने दीप प्रज्वलित कर किया।

पर्यटन के विकास की ओर कदम

प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया की उपस्थिति ने धुबेला महल जैसे ऐतिहासिक स्थल को नई पहचान दी है। उन्होंने इस क्षेत्र की धरोहरों को संरक्षित करने और इसे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उनके दौरे ने बुंदेलखंड के पर्यटन स्थलों को लेकर जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।इस दौरे के बाद प्रियदर्शिनी पन्ना के लिए रवाना हो गईं। उनके साथ जयविलास पैलेस की टीम भी मौजूद थी।धुबेला महल और मस्तानी महल जैसे स्थल बुंदेलखंड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इन स्थलों पर सैलानियों की बढ़ती संख्या यह दिखाती है कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। अगर इन्हें सही दिशा और संरक्षण मिले, तो यह क्षेत्र देश और दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान बना सकता है।