वन नेशन-वन इलेक्शन पर कोविंद कमेटी की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई: कब से लागू हो सकता है?

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी आठ सदस्यों की कमेटी ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है।

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वन नेशन-वन इलेक्शन पर कोविंद कमेटी की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई: कब से लागू हो सकता है?
रामनाथ कोविंद समिति ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंपी।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी आठ सदस्यों की कमेटी ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। यह रिपोर्ट 2 सितंबर 2023 को कमेटी के गठन के बाद हितधारकों और विशेषज्ञों के परामर्श के साथ 191 दिनों के शोध का परिणाम है। कमेटी में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत आठ सदस्य शामिल हैं।

रिपोर्ट के मुख्य सुझाव:

  1. एकसाथ चुनाव:
    • राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल: रिपोर्ट के अनुसार, एक साथ चुनाव कराने के लिए सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनावों तक बढ़ाया जा सकता है।
    • हंग हाउस और नो कॉन्फिडेंस मोशन: यदि किसी राज्य में हंग हाउस की स्थिति या नो कॉन्फिडेंस मोशन का सामना करना पड़ता है, तो बाकी पांच साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
  2. चुनावों के चरण:
    • पहला चरण: लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं।
    • दूसरा चरण: इसके बाद, 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं।
  3. आवश्यक तैयारी:
    • रिपोर्ट में कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दलों की सहमति प्राप्त होने पर यह व्यवस्था 2029 से लागू हो सकती है।
    • इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं का कार्यकाल छह महीने बढ़ाकर जून 2029 तक किया जाएगा। इसके बाद सभी राज्यों में एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव हो सकेंगे।

इस रिपोर्ट को लेकर विभिन्न पक्षों की प्रतिक्रियाएं और अगले कदमों की रूपरेखा के बारे में निर्णय आने वाले समय में स्पष्ट होगा।