केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 2 दिवसीय दौरे के दौरान अशोकनगर में जनसुनवाई कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा किया, जो चर्चा का विषय बन गया। सिंधिया ने जनता से मिलने के लिए नेताओं को किनारे कर दिया, जिससे पूरे प्रदेश में उनके इस कदम की सराहना हो रही है।
जनता से मिलने पर दिया नेताओं को हिदायत
सिंधिया अपने अनोखे अंदाज के लिए देशभर में जाने जाते हैं और इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया। अशोकनगर में आयोजित जनता दरबार में जब स्थानीय नेता, विधायक और पार्टी अध्यक्ष उनसे मिलने पहुंचे, तो सिंधिया ने उन्हें बाहर खड़े होने का आदेश दिया और कहा, "आपसे तो मैं मिलता रहता हूं, मुझे जनता से मिलने दीजिए।"
सिंधिया ने दो घंटे तक जनसंपर्क कार्यालय में जनता की समस्याएं सुनीं। इस दौरान उनके साथ अशोकनगर के कलेक्टर और एसपी भी मौजूद थे। सिंधिया ने भूमाफिया और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि वे मुंगावली से इन्हें उखाड़कर फेंक देंगे और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मंत्री और कलेक्टर को दिया 3 दिन का अल्टीमेटम
जिन नेताओं ने शिकायतें लेकर सिंधिया से मिलने की कोशिश की, उन्हें भी कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। सिंधिया ने मंत्री और कलेक्टर को स्पष्ट रूप से आदेश दिया कि जनता की समस्याओं का समाधान अगले 3 दिनों के भीतर किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी समस्या लंबित नहीं रहनी चाहिए।
शिवपुरी में भी दिखाया था सख्त रुख
अशोकनगर से पहले, सिंधिया शिवपुरी में भी दौरे पर थे, जहां उन्होंने किसानों को खाद की कमी से राहत दिलाने के लिए रात में ही खाद की रैक मंगवाने का बड़ा कदम उठाया था। उनका यह त्वरित एक्शन जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस दौरे और जनसुनवाई कार्यक्रम ने एक बार फिर से उनकी जनता के प्रति समर्पण और समस्याओं के त्वरित समाधान की प्रतिबद्धता को साबित कर दिया है।