मध्य प्रदेश में गरबा पंडाल में एंट्री के लिए गोमूत्र पीने की शर्त, बीजेपी नेता चिंटू वर्मा का विवादित बयान

चिंटू वर्मा ने कहा कि गरबा पंडाल में प्रवेश पाने वाले हर व्यक्ति को गोमूत्र पिलाया जाए।

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मध्य प्रदेश में गरबा पंडाल में एंट्री के लिए गोमूत्र पीने की शर्त, बीजेपी नेता चिंटू वर्मा का विवादित बयान
पूरे देश में नवरात्रि उत्सव की धूम

जैसे ही पितृ पक्ष समाप्त होगा, पूरे देश में नवरात्रि उत्सव की धूम मच जाएगी। हर साल की तरह इस बार भी जगह-जगह आकर्षक और खूबसूरत गरबा पंडाल सजाए जाएंगे। इसी बीच, मध्य प्रदेश के इंदौर से एक विवादित खबर सामने आई है। इंदौर के बीजेपी जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने गरबा महोत्सव के आयोजकों के लिए एक चौंकाने वाली सलाह दी है।

गरबा पंडाल में एंट्री के लिए गोमूत्र पीने की शर्त
चिंटू वर्मा ने कहा कि गरबा पंडाल में प्रवेश पाने वाले हर व्यक्ति को गोमूत्र पिलाया जाए। उनका कहना है कि हिंदू धर्म से जुड़े लोगों को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी, और इस प्रक्रिया से गैर हिंदुओं की पहचान हो सकेगी। इसके अलावा, वर्मा ने यह भी कहा कि जो लोग तिलक नहीं लगाकर आएंगे, उन्हें भी गरबा में शामिल होने से रोका जाए।

सोशल मीडिया पर बयान वायरल
चिंटू वर्मा का यह बयान सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। वर्मा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि गरबा जैसे त्योहारों में कई तरह के लोग शामिल होते हैं, और भीड़ में सभी की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए उन्होंने आयोजकों से कहा कि पंडाल में आने वाले हर व्यक्ति को गोमूत्र पीने के बाद ही प्रवेश दिया जाए, ताकि किसी भी तरह की असामाजिक गतिविधियों से बचा जा सके।

आधार कार्ड को पहचान का साधन मानने से इनकार
वर्मा ने आधार कार्ड को पहचान के लिए उपयोग किए जाने पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि आजकल आधार कार्ड में एडिटिंग की जाती है, जिससे गैर हिंदू भी गरबा पंडालों में प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए गोमूत्र पीने की प्रक्रिया से ही वास्तविक हिंदू और गैर हिंदू की पहचान की जा सकती है।

धार्मिक भावना का सवाल
चिंटू वर्मा ने अपने बयान में कहा कि गरबा माता जी का त्योहार है, और पंडाल में आने वाले हर व्यक्ति को इसे धार्मिक भावना से मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोमूत्र पीने की शर्त लगाने से सिर्फ उन्हीं लोगों को प्रवेश मिलेगा, जो सच्चे मन से माता की पूजा में शामिल होना चाहते हैं। वर्मा का यह बयान विवादों के घेरे में आ गया है और सोशल मीडिया पर इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

इस तरह के विवादित बयानों से गरबा महोत्सव का माहौल कितना प्रभावित होगा, यह देखने वाली बात होगी।