पीएम मोदी, राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने पंडित नेहरू की 135वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 135वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी,ने उन्हें याद किया

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पीएम मोदी, राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने पंडित नेहरू की 135वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि
पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी सहित दिग्गजों ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि दी 

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 135वीं जयंती के अवसर पर आज देशभर में श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई अन्य नेताओं ने उन्हें याद किया और उनके महान योगदान को नमन किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, “उनकी जयंती के अवसर पर, मैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।” पीएम मोदी ने पंडित नेहरू के योगदान को याद करते हुए उनके प्रति सम्मान प्रकट किया। हालाँकि, पिछले वर्षों की तरह इस बार भी उन्होंने नेहरू की विरासत पर कोई विशेष टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

राहुल गांधी ने नेहरू को बताया ‘आधुनिक भारत का जनक’

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने पंडित नेहरू को आधुनिक भारत का जनक और देश की संस्थाओं का निर्माता बताया। राहुल ने 'एक्स' पर अपने पोस्ट में लिखा, “आधुनिक भारत के जनक, संस्थानों के निर्माता, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को उनकी जयंती पर सादर नमन। लोकतांत्रिक, प्रगतिशील, निडर, दूरदर्शी, समावेशी – ‘हिंद के जवाहर’ के यही मूल्य हमारे आदर्श और हिंदुस्तान के आधारस्तंभ हैं और हमेशा रहेंगे।” राहुल गांधी ने पंडित नेहरू के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए उन्हें लोकतंत्र का मजबूत प्रहरी बताया।

प्रियंका गांधी ने नेहरू की निडरता को सराहा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि देते हुए एक प्रेरणादायक संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा, “दुनिया में जितनी भी बुराइयां हैं, डर उन सबकी बुनियाद है। दशकों के संघर्ष और असंख्य कुर्बानियों के बदले जब हमने आजादी हासिल की, तब भी ऐसे लोग थे जो भोली-भाली जनता को डराने और बहकाने की सियासत करते थे। पंडित नेहरू ने डटकर उनका मुकाबला किया और आम जनता से कहा – ‘डरो मत!’” प्रियंका ने आगे कहा कि जनता में डर फैलाने वाले लोग जनता के सच्चे प्रतिनिधि नहीं हो सकते। पंडित नेहरू ने हमेशा निडरता, नि:स्वार्थ सेवा और राष्ट्र निर्माण के मूल्यों को सर्वोपरि रखा।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेहरू की एकता की भावना को किया उजागर

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पंडित नेहरू को याद करते हुए 'एक्स' पर लिखा, “एकता मन और हृदय की होनी चाहिए, एक साथ रहने की भावना होनी चाहिए.. पंडित जवाहरलाल नेहरू।” खड़गे ने नेहरू को आधुनिक भारत का शिल्पकार बताते हुए उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने लिखा, “भारत को शून्य से शिखर तक पहुंचाने वाले, भारत को वैज्ञानिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास की दिशा देने वाले, देश को ‘विविधता में एकता’ का संदेश देने वाले, लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी और हमारे प्रेरणास्रोत पंडित नेहरू की 135वीं जयंती पर हम उनके अभूतपूर्व योगदान को याद करते हैं।”

खड़गे ने नेहरू की प्रसिद्ध किताब ‘द डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ का भी उल्लेख किया। उन्होंने उसमें से एक अंश साझा करते हुए कहा, “मैं भारतीय जीवन की विविधताओं और विभाजनों, वर्गों, जातियों, धर्मों, नस्लों और सांस्कृतिक विकास के विभिन्न स्तरों से भी पूरी तरह परिचित था। फिर भी मेरा मानना है कि एक ऐसा देश जिसकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि लंबी हो और जीवन के प्रति एक समान दृष्टिकोण हो, वह एक ऐसी भावना विकसित करता है जो उसकी अपनी होती है और जो उसके सभी बच्चों पर छा जाती है, चाहे वे आपस में कितने भी भिन्न क्यों न हों।”

नेहरू की विरासत और उनके विचारों की प्रासंगिकता

पंडित जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। उन्होंने देश के विकास में वैज्ञानिक सोच, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की नीतियों का आधार रखा। उनके विचार और सिद्धांत आज भी भारतीय राजनीति और समाज के विभिन्न पहलुओं में प्रासंगिक बने हुए हैं।

हर साल 14 नवंबर को उनके जन्मदिवस को ‘बाल दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, जो बच्चों के प्रति उनके प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। नेहरू की विरासत को लेकर वर्तमान में भी राजनीतिक दृष्टिकोण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता।

निष्कर्ष

पंडित नेहरू की 135वीं जयंती पर उनके विचारों, सिद्धांतों और योगदान को याद करना हमें भारतीय इतिहास और राष्ट्र निर्माण के सफर में झांकने का अवसर देता है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया, जो दर्शाता है कि उनके विचार और योगदान आज भी सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।