महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है। भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान संविधान को लेकर झूठे बयान दे रहे हैं, जिससे समाज में भ्रम फैलाया जा रहा है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे, जबकि 23 नवंबर को मतगणना होगी।
भाजपा ने राहुल गांधी पर लगाए गंभीर आरोप
सोमवार को भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर महाराष्ट्र चुनाव के दौरान भ्रामक बयान देने का आरोप लगाया। अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, "हमने चुनाव आयोग को बताया है कि राहुल गांधी लगातार झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने 6 नवंबर को भी झूठे बयान दिए हैं। वह राज्यों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं और संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाया है, जो पूरी तरह से असत्य है।"
राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर की मांग
भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। मेघवाल ने चुनाव आयोग से कहा, "राहुल गांधी का यह कोई पहला मामला नहीं है। वे बार-बार चेतावनी और नोटिस के बावजूद झूठे बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं। हमने आयोग से आग्रह किया है कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह के बयानबाजी पर रोक लग सके।"
राहुल गांधी ने नागपुर में क्या कहा था?
6 नवंबर को नागपुर में एक चुनावी रैली के दौरान, राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला किया था। उन्होंने कहा, "जब आरएसएस और भाजपा के लोग संविधान पर हमला करते हैं, तो वे केवल एक किताब पर नहीं, बल्कि भारत की आवाज़ पर हमला कर रहे होते हैं। हमारे सभी संस्थान संविधान से बने हैं, और अगर संविधान नहीं रहेगा, तो कोई चुनाव आयोग भी नहीं रहेगा। आरएसएस इस संविधान पर सीधे हमला करने की हिम्मत नहीं कर सकता क्योंकि अगर वे आगे आकर लड़ेंगे, तो 5 मिनट में हार जाएंगे। वे 'विकास', 'प्रगति' और 'अर्थव्यवस्था' जैसे शब्दों के पीछे छिपकर संविधान पर हमला करने आते हैं।"
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: एमवीए बनाम महायुति
महाराष्ट्र में इस बार का विधानसभा चुनाव विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) शामिल हैं, जो राज्य में सत्ता हासिल करने का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरे हैं। दूसरी ओर, महायुति गठबंधन में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं।
चुनाव की अहमियत और चुनौतियां
इस बार के महाराष्ट्र चुनाव राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। राज्य में किसान संकट, बेरोजगारी, महंगाई और विकास के मुद्दे चुनावी बहस का केंद्र बने हुए हैं। एमवीए और महायुति, दोनों ही गठबंधन राज्य के मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए जोर-शोर से प्रचार अभियान चला रहे हैं।
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज होता जा रहा है। देखना यह होगा कि 20 नवंबर को होने वाले मतदान में जनता किस गठबंधन को समर्थन देती है और कौन सा गठबंधन महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होता है।
इस चुनावी जंग के बीच भाजपा की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ की गई शिकायत ने माहौल को और गरमा दिया है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या कदम उठाता है और इसका महाराष्ट्र चुनाव के परिणामों पर क्या असर पड़ता है।