मध्यप्रदेश में बन सकते हैं तीन नए जिले, सरकार ने पुनर्गठन आयोग का गठन किया

नए जिलों का गठन प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाने के साथ-साथ जनता को उनकी आवश्यक सेवाएं नजदीक में उपलब्ध कराना है।

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मध्यप्रदेश में बन सकते हैं तीन नए जिले, सरकार ने पुनर्गठन आयोग का गठन किया
प्रदेश में अब तीन जिले बनाने की मांग

मध्यप्रदेश में नए जिलों की मांग लंबे समय से हो रही है। इस दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने पुनर्गठन आयोग का गठन किया है। इस आयोग को प्रदेश में संभाग, जिले, तहसील और विकासखंड के पुनर्गठन का कार्य सौंपा गया है। सरकार का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाना और जनता की सुविधाओं को बेहतर करना है।

पुनर्गठन आयोग में रिटायर्ड आईएएस मनोज श्रीवास्तव और मुकेश कुमार शुक्ला को सदस्य नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले ही संकेत दिए थे कि प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। वर्तमान सीमाओं में कई विसंगतियां हैं, जिन्हें सुधारने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।

बीना को जिला बनाने की मांग 40 साल पुरानी

प्रदेश में नए जिलों की मांग की बात करें तो बीना का नाम सबसे पहले आता है। बीना को जिला बनाने की मांग पिछले 40 सालों से जारी है। इस मुद्दे पर हाल ही में विधायक निर्मला सप्रे ने बीजेपी का दामन थामा था। हालांकि, उनके पार्टी में शामिल होने के बाद खुरई को जिला बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया।
यदि बीना को जिला बनाया जाता है, तो खुरई, बीना, मालथौन, कुरवाई, पठारी और बांदरी को इसमें शामिल किया जा सकता है।

सिरोंज को जिला बनाने की संभावनाएं

सिरोंज को भी जिला बनाने की मांग ने जोर पकड़ा है। सिरोंज से विदिशा की दूरी लगभग 85 किलोमीटर है, जिसके चलते प्रशासनिक कार्यों के लिए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यदि सिरोंज को जिला बनाया जाता है, तो लटेरी तहसील और ग्राम पंचायत आनंदपुर को इसमें शामिल किया जा सकता है। हालांकि, आनंदपुर को गुना जिले में शामिल करने का सुझाव भी दिया गया है क्योंकि आनंदपुर से सिरोंज और गुना दोनों की दूरी लगभग समान है।

पिपरिया को जिला बनाने की मांग

नर्मदापुरम जिले से पिपरिया को अलग कर नया जिला बनाने की मांग भी जोर पकड़ रही है। नर्मदापुरम से पिपरिया की दूरी 70 किलोमीटर है। विधानसभा चुनाव के दौरान इस मांग को लेकर कई धरने, प्रदर्शन और हड़तालें हुईं। यदि पिपरिया को जिला बनाया जाता है, तो आसपास के क्षेत्रों को इसमें शामिल किया जा सकता है।

सरकार का उद्देश्य

नए जिलों का गठन प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाने के साथ-साथ जनता को उनकी आवश्यक सेवाएं नजदीक में उपलब्ध कराना है। पुनर्गठन आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगा, जिससे प्रदेश में जिलों और तहसीलों का नक्शा बदलने की संभावना है।