पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को एंटी रेप बिल पास कर दिया है, जिसे 'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024' (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) नाम दिया गया है। नए कानून के तहत रेप के मामलों में जांच 21 दिनों में पूरी करनी होगी और अगर पीड़ित की कोमा में चली जाती है या उसकी मौत हो जाती है, तो दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा दी जाएगी। इस बिल को अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा और फिर राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए जाएगा। दोनों स्थानों से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।
कोलकाता रेप-मर्डर केस का प्रभाव
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद, देशभर में डॉक्टरों और राजनीतिक दलों ने प्रदर्शन किया। इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि वे राज्य में रेप जैसे अपराधों के खिलाफ सख्त कानून बनाएंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री को भी इस संदर्भ में दो बार चिट्ठी लिखी थी।
प्रमुख बिंदु और सवाल-जवाब
- बिल का नाम और उद्देश्य क्या है?
- इस बिल का नाम 'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024' है। इसका उद्देश्य वेस्ट बंगाल क्रिमिनल लॉ और अमेंडमेंट बिल में बदलाव करके महिलाओं और बच्चों के यौन शोषण और रेप के मामलों में सुरक्षा बढ़ाना है।
- दोषी को फांसी की सजा कब होगी?
- अगर रेप के बाद पीड़ित की मौत हो जाती है या वह कोमा में चली जाती है, तो दोषी को फांसी की सजा दी जाएगी।
- उम्रकैद की अवधि क्या होगी?
- बिल के तहत, रेप और गैंग रेप के दोषी को उम्रकैद की सजा दी जाएगी, जिसमें उसे पूरी जिंदगी जेल में रहना होगा और उसे पैरोल नहीं दी जाएगी।
- बिल में किन धाराओं में बदलाव किया गया है?
- इस बिल में भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में बदलाव का प्रस्ताव है, जिसमें रेप, रेप और मर्डर, गैंगरेप, आदतन अपराधी, पीड़ित की पहचान उजागर करने और एसिड अटैक से जुड़े प्रावधान शामिल हैं।
- जांच प्रक्रिया पर क्या प्रावधान हैं?
- रेप के मामलों में जांच 21 दिन में पूरी करनी होगी। इसे 15 दिन तक बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए लिखित कारण बताना होगा।
- आदतन अपराधियों के लिए क्या प्रावधान है?
- आदतन अपराधियों को उम्रकैद की सजा दी जाएगी, और उन्हें अपनी उम्र पूरी होने तक जेल में रहना होगा।
- स्पेशल टीम का गठन होगा?
- जिला स्तर पर एक विशेष टास्क फोर्स, 'अपराजिता टास्क फोर्स', बनाई जाएगी, जिसकी अगुआई एक DSP करेगा और यह नई जांच प्रावधानों के तहत मामलों की जांच करेगी।
- पीड़ितों को जल्दी न्याय कैसे मिलेगा?
- बिल में स्पेशल कोर्ट और विशेष जांच टीमें बनाने का प्रस्ताव है, जो तेजी से न्याय सुनिश्चित करने और पीड़ितों को ट्रॉमा कम करने पर काम करेंगी।
- मीडिया रिपोर्टिंग के लिए नया नियम?
- रेप केस की मीडिया रिपोर्टिंग के लिए कोर्ट की अनुमति लेना आवश्यक होगा। अनुमति न मिलने पर 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान होगा।
- बिल की मंजूरी की प्रक्रिया क्या है?
यह बिल राज्यपाल के पास भेजा जाएगा और फिर राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए जाएगा। दोनों से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बनेगा।
ममता बनर्जी का बयान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिल पर अपनी बात रखते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं के लिए 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट और 52 विशेष अदालतें हैं, जिनमें 3 लाख से अधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे हाथरस और उन्नाव मामलों पर चुप हैं और कहा कि देश में हर दिन 90 रेप केस हो रहे हैं, जबकि केवल 2.56% आरोपी ही दोषी ठहराए गए हैं।
यह बिल पश्चिम बंगाल में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है और इसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई है।