मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा भाजपा इकाई को एकजुट करने और मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करने के प्रयास शुरू किए हैं, क्योंकि टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष उभर कर सामने आया है। हरियाणा भाजपा को अपनी पहली उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद कई प्रमुख नेताओं को शांत करना पड़ रहा है। टिकट विवाद के चलते हाल के दिनों में लक्ष्मण नापा और रंजीत सिंह चौटाला सहित कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा ने अब तक 90 में से 67 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, "हम उन्हें मना रहे हैं। वे नाराज़ हैं। बराला जी (सुभाष बराला) काम करेंगे और लोगों से भी वोट के लिए अपील करेंगे। एकजुट होकर भाजपा तीसरी बार सरकार बनाएगी।"
शनिवार को पूर्व राज्य मंत्री बच्चन सिंह आर्य ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले राज्य कैबिनेट के दो सदस्य—ऊर्जा मंत्री रंजीत सिंह चौटाला और सामाजिक न्याय राज्य मंत्री बिशम्बर सिंह बाल्मीकि—भी पार्टी छोड़ चुके हैं। रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा ने 6 सितंबर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
उम्मीदवारों का आरोप है कि पार्टी ने वफादारों की बजाय नए नेताओं को टिकट बांटे हैं। पूर्व विधायक बलकौर सिंह भी शनिवार दोपहर को बागी नेताओं की सूची में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि कठिन समय में पार्टी का समर्थन करने के बावजूद उन्हें पार्टी में सम्मान नहीं मिला। अब वह दिल्ली जाकर कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने पार्टी के लिए पूरे मन से काम किया और कठिन परिस्थितियों में भाजपा का झंडा ऊंचा रखा, लेकिन मुझे संगठन में सम्मान या कोई सरकारी पद नहीं मिला। आज मैं अपने समर्थकों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के नेतृत्व में दिल्ली जाकर कांग्रेस में शामिल हो जाऊंगा। मैं जनता की सेवा करता रहूंगा।”
इन घटनाओं के चलते हरियाणा भाजपा को आगामी चुनावों से पहले अपने आंतरिक विद्रोह को शांत करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।