विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद पैदा हुई वैश्विक चिंताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कई देश इस समय अमेरिका की नीतियों को लेकर चिंतित हैं, लेकिन भारत उन देशों में शामिल नहीं है। इसके विपरीत, भारत अमेरिका के साथ अपने संबंधों को लेकर पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरा हुआ है।
मोदी-ट्रंप की गहरी दोस्ती पर दिया जोर
जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच की गहरी दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच बेहतरीन तालमेल रहा है। जयशंकर के मुताबिक, "जब राष्ट्रपति ट्रंप का चुनाव हुआ था, तो प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे की गई शुरुआती तीन फोन कॉल्स में से एक कॉल की थी। यह दिखाता है कि दोनों नेताओं के बीच रिश्ते कितने मजबूत थे।"
मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना
जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मोदी एक अत्यधिक अपेक्षा करने वाले और सख्त बॉस हैं। जयशंकर के अनुसार, "अगर आप प्रधानमंत्री मोदी के साथ किसी मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं, तो आपको पूरी तैयारी के साथ आना होगा। मोदी हर बैठक से पहले बहुत ही गहन तैयारी करते हैं, और वह यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी संबंधित जानकारी उपलब्ध हो।"
तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ मोदी का तालमेल
जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक दक्षता की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम किया है — बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन। उन्होंने इन तीनों के साथ गहरे संबंध बनाए और भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई पर ले गए। जब मोदी पहली बार वाशिंगटन गए थे, तब ओबामा राष्ट्रपति थे। इसके बाद ट्रंप आए और फिर बाइडन ने कार्यभार संभाला। मोदी ने हर एक के साथ मजबूत व्यक्तिगत संबंध बनाए हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को और भी सुदृढ़ बनाने में मददगार साबित हुए हैं।"
अमेरिका से घबराए हुए हैं कई देश, लेकिन भारत नहीं
राष्ट्रपति चुनावों के बाद बदलते राजनीतिक माहौल को लेकर जयशंकर ने कहा कि कई देश अमेरिका के नए नेतृत्व को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि नीतियों में बदलाव की संभावना हमेशा रहती है। लेकिन भारत के संदर्भ में ऐसा नहीं है। जयशंकर के अनुसार, "भारत उन देशों में से नहीं है, जो अमेरिका की नई नीतियों से घबराते हैं। हमने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को इतना मजबूत कर लिया है कि किसी भी बदलाव का असर हमारे रिश्तों पर नहीं पड़ेगा।"
निष्कर्ष: भारत-अमेरिका संबंधों का भविष्य उज्ज्वल
जयशंकर के बयान से स्पष्ट है कि भारत, अमेरिका के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। चाहे अमेरिका में कोई भी राष्ट्रपति हो, भारत ने हमेशा से मजबूत और स्थायी संबंध बनाए रखे हैं।
जयशंकर का यह बयान भारत की विदेश नीति की मजबूती और प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक क्षमता को दर्शाता है। इससे यह भी पता चलता है कि भारत वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को लेकर आत्मविश्वास से भरा हुआ है और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।