महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र गिरिधर मालवीय का निधन, PM मोदी ने जताया गहरा शोक

भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कुलाधिपति, जस्टिस (रिटायर्ड) गिरिधर मालवीय का निधन हो गया है।

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महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र गिरिधर मालवीय का निधन, PM मोदी ने जताया गहरा शोक
गिरिधर मालवीय के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख

भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कुलाधिपति, जस्टिस (रिटायर्ड) गिरिधर मालवीय का निधन हो गया है। उनकी मृत्यु से शोक की लहर पूरे देश में दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इसे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति करार दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी के प्रपौत्र गिरिधर मालवीय जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शिक्षा जगत में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। साथ ही गंगा सफाई अभियान में उनके योगदान को भी देश हमेशा याद रखेगा।" पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि न्यायिक सेवा में भी उन्होंने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई।

गंगा सफाई अभियान में उल्लेखनीय योगदान

गिरिधर मालवीय गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के लिए समर्पित थे। वह गंगा महासभा के अध्यक्ष के रूप में गंगा सफाई अभियान में सक्रिय रूप से शामिल रहे। गंगा अधिनियम का प्रारूप तैयार करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके इन प्रयासों ने गंगा की स्वच्छता के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया।

न्यायिक सेवा में दी उत्कृष्ट सेवाएं

गिरिधर मालवीय का नाम न्यायपालिका में भी प्रमुखता से जाना जाता है। वर्ष 1988 में उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। अपने न्यायिक करियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए। न्यायपालिका से रिटायर होने के बाद 2018 में वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति चुने गए।

प्रधानमंत्री मोदी के लिए बने थे प्रस्तावक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि उन्हें कई बार व्यक्तिगत रूप से गिरिधर मालवीय जी से मिलने का सौभाग्य मिला। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में गिरिधर मालवीय ने वाराणसी से नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी का प्रस्ताव किया था। पीएम मोदी ने इसे अपने जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव बताया।

अंतिम समय में भी शिक्षा और समाज सेवा के लिए समर्पित

गिरिधर मालवीय की तबीयत पिछले कुछ समय से ठीक नहीं थी। इसके बावजूद उन्होंने बीएचयू के दीक्षांत समारोह में व्हीलचेयर पर पहुंचकर भाग लिया, जो उनकी शिक्षा और समाज सेवा के प्रति निष्ठा को दर्शाता है। उनके निधन से न केवल शिक्षा जगत में बल्कि पूरे देश में शोक की लहर है।

देशभर में शोक की लहर

गिरिधर मालवीय के निधन की खबर से प्रयागराज सहित पूरे देश में शोक व्याप्त है। उनकी उपलब्धियों और योगदान को याद करते हुए लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "ईश्वर शोक संतप्त परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान करे। ओम शांति।"

शिक्षा और समाज सुधार की दिशा में अद्वितीय योगदान

गिरिधर मालवीय का जीवन शिक्षा, न्याय और समाज सुधार के क्षेत्र में प्रेरणादायक रहा है। उनके योगदान को देखते हुए, देश ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया है। उनका जाना निश्चित रूप से भारत के लिए एक बड़ी क्षति है।

उनके निधन के साथ ही एक युग का अंत हो गया, जो शिक्षा, न्याय और गंगा की स्वच्छता के लिए समर्पित था। उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।