झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) छोड़ने का फैसला किया, जिसने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। 30 अगस्त को चंपाई सोरेन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने जा रहे हैं। इसके पहले, केंद्रीय कृषि मंत्री और बीजेपी के झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने इस मुद्दे पर बड़ा खुलासा किया है।
अमित शाह से बैठक के बाद हुई विदाई पक्की
अमित शाह के साथ हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद, चंपाई सोरेन का जेएमएम से अलग होना महज एक औपचारिकता बनकर रह गया। कई दिनों से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं, जिन्हें अब शिवराज सिंह चौहान के बयान ने पुष्टि कर दी है।
चंपाई सोरेन का अपमानित होना बना कारण
शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में बताया कि चंपाई सोरेन, जो कि जेएमएम के संस्थापक सदस्य और आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेता हैं, को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लगातार अपमानित किया जा रहा था। शिवराज सिंह चौहान ने यह भी आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन अपने ही मंत्री और नेता की जासूसी करवा रहे थे, जिससे चंपाई सोरेन आहत हुए और उन्हें जेएमएम छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।
शिवराज सिंह चौहान का ट्वीट
शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए लिखा, "श्री चंपाई सोरेनजी झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठतम नेता हैं, वे झामुमो के संस्थापक सदस्य भी हैं। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेनजी उन्हें अपमानित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अपनी ही पार्टी के इतने बड़े नेता को साजिश के तहत मुख्यमंत्री पद से हटाना और सत्ता के लालच में झटपट स्वयं सीएम की कुर्सी पर बैठ जाना, ये आदिवासी समुदाय के एक बड़े नेता का घोर अपमान है और पूरे आदिवासी समाज के साथ दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार है।"
हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप
शिवराज सिंह चौहान ने हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अपने मंत्रियों और नेताओं पर भी भरोसा नहीं है, और इसीलिए वे उनकी जासूसी करवा रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड के अन्य मंत्रियों और विधायकों को भी सावधान रहने की चेतावनी दी है।
निष्कर्ष
चंपाई सोरेन का जेएमएम से अलग होकर बीजेपी में शामिल होना झारखंड की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। शिवराज सिंह चौहान के इस बयान से हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, और आने वाले चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है।