महाराष्ट्र और खासकर मुंबई की राजनीति और बॉलीवुड में महत्वपूर्ण पहचान रखने वाले बाबा सिद्दीकी की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाबा सिद्दीकी मूल रूप से बिहार के थे, हालांकि उनके पिता मुंबई चले गए थे, जहां बाबा का बचपन बीता और उनकी पढ़ाई-लिखाई भी मुंबई में ही हुई। अपने छात्र जीवन से ही वे राजनीति में सक्रिय हो गए थे। पहले वे एनएसयूआई में थे और फिर युवक कांग्रेस से जुड़े। हालांकि, बाबा सिद्दीकी का बिहार से खास नाता बना रहा, और वे गोपालगंज जिले के मांझा शहर से अपनी जड़ों से जुड़े रहे।
बाबा सिद्दीकी ने फेसबुक पर 26 जून 2020 को एक पोस्ट के जरिए अपने और मांझा शहर के रिश्ते को साझा किया था। उस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि उनके पिता का जन्म मांझा में हुआ था, और उनके बचपन की कई यादें इस शहर से जुड़ी हुई हैं। बाबा सिद्दीकी ने कई बार अपने पूर्वजों की मिट्टी से जुड़ाव दिखाया और वे बिहार आते-जाते रहते थे।
राजनीति में बाबा सिद्दीकी का कद काफी ऊंचा था। मुंबई के सबसे पॉश इलाके से वे लगातार तीन बार विधायक बने और उनकी लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। उनके बेटे ने भी उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया और वह भी विधायक हैं। हाल ही में बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी जॉइन की थी। उनके निधन के बाद बिहार के मांझा शहर में शोक की लहर दौड़ गई है।