आगामी महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के बीच, भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को नोटिस जारी किया है। आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अलग-अलग पत्र भेजकर इन शिकायतों पर स्पष्टीकरण मांगा है। दोनों राजनीतिक दलों को 18 नवंबर को दोपहर 1 बजे तक अपने-अपने जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है।
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला
चुनाव आयोग की यह कार्रवाई तब सामने आई है जब भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे के नेताओं के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें की हैं। भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ और कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ शिकायतें दर्ज की हैं।
आयोग ने दोनों दलों को 22 मई 2024 को जारी की गई अपनी एडवाइजरी की याद दिलाई है, जिसमें चुनावी रैलियों के दौरान सार्वजनिक शिष्टाचार बनाए रखने और आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए थे। इस एडवाइजरी में विशेष रूप से नेताओं और स्टार प्रचारकों की भाषा पर नियंत्रण रखने की बात कही गई थी।
भाजपा की शिकायत: राहुल गांधी पर लगाए आरोप
भाजपा ने चुनाव आयोग से राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने मुंबई में हाल ही की एक रैली के दौरान झूठे और भ्रामक बयान दिए। भाजपा का दावा है कि राहुल गांधी ने यह गलत आरोप लगाया कि एपल के आइफोन और बोइंग के हवाई जहाज महाराष्ट्र की कीमत पर अन्य राज्यों में बनाए जा रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि राहुल ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हुए कहा कि अन्य राज्यों को लाभ पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र से अवसर छीने जा रहे हैं। भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी लगातार भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ झूठे और निराधार आरोप लगाते रहे हैं, जो आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है।
कांग्रेस की शिकायत: प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह पर निशाना
दूसरी ओर, कांग्रेस ने चुनाव आयोग को दिए अपने पत्र में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को महाराष्ट्र के नासिक और धुले में आयोजित चुनावी रैलियों के दौरान कांग्रेस और उसके सहयोगियों के खिलाफ अपमानजनक और झूठे बयान दिए। कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी ने अपने भाषणों में स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों पर अनर्गल आरोप लगाए, जिससे पार्टी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
इसके अलावा, कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस के अनुसार, 12 नवंबर को झारखंड के धनबाद में आयोजित एक रैली के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के खिलाफ काम करने और देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इसे पूरी तरह से बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है।
महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव: महत्वपूर्ण चरण
महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावी सरगर्मियां चरम पर हैं। झारखंड में पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है, जबकि 20 नवंबर को महाराष्ट्र की सभी और झारखंड की शेष सीटों पर मतदान होना है। इस बीच, दोनों प्रमुख दलों के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। ऐसे में चुनाव आयोग ने दोनों ही दलों को आचार संहिता के उल्लंघन पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है।
राजनीतिक माहौल गरमाया
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी संग्राम तेज हो गया है। दोनों दलों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाना बताता है कि चुनाव प्रचार में भाषा की मर्यादा का उल्लंघन हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग का सख्त रुख चुनावी माहौल को और भी दिलचस्प बना रहा है।
आयोग द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के बाद यह देखना होगा कि भाजपा और कांग्रेस किस तरह का जवाब देती हैं। यदि दोनों पार्टियां संतोषजनक जवाब नहीं दे पातीं, तो चुनाव आयोग द्वारा कड़ी कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।