झारखंड में चुनावी प्रक्रिया के दौरान कई घटनाएं सामने आईं। बरहेट प्रखंड के झीमौली गांव में मतदान केंद्र संख्या 98 पर 57 वर्षीय महिला सूरज टुडू, जो मतदान के लिए कतार में खड़ी थीं, की मृत्यु हो गई। वह मंडल मरांडी की पत्नी थीं। इस घटना ने मतदान केंद्र पर माहौल को गमगीन कर दिया।
धनबाद में हिंसा
धनबाद जिले के बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के कतरास कॉलेज परिसर में दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झड़प हुई। भाजपा उम्मीदवार शत्रुघ्न महतो और निर्दलीय उम्मीदवार रोहित यादव के समर्थकों ने एक-दूसरे पर हमला कर दिया। इस हिंसा के दौरान कुर्सियां और टेबल तोड़ दी गईं, जिससे मतदान प्रक्रिया कुछ समय के लिए बाधित रही।
पोलिंग अफसरों पर कार्रवाई
चुनाव के दौरान ड्यूटी में गड़बड़ी के चलते दो पोलिंग अफसरों पर कार्रवाई हुई।
- देवघर के पीठासीन अधिकारी: इन्हें वोट कास्टिंग कंपार्टमेंट के पास पाया गया, जिसके कारण उन्हें ड्यूटी से हटा दिया गया।
- मधुपुर के पीठासीन अधिकारी: इन पर झामुमो प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने का आरोप लगा। एफआईआर दर्ज कर इन्हें हिरासत में ले लिया गया।
मतदान का बहिष्कार
रांची जिले की खिजरी विधानसभा सीट के सिरका मेढ़ेटुंगरी गांव के ग्रामीणों ने "रोड नहीं तो वोट नहीं" के नारे के साथ मतदान का बहिष्कार किया। सुबह 10 बजे तक कोई भी वोट डालने नहीं आया। इसके बाद बीडीओ और अन्य अधिकारियों ने गांव-गांव जाकर लोगों को मनाया, जिसके बाद कुछ लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया।
सुरक्षा व्यवस्था
मतदान के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
- केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 585 कंपनियां
- जैप (झारखंड आर्म्ड फोर्स) की 60 कंपनियां
- जिला बल और होमगार्ड के 30 हजार जवान तैनात किए गए।
महत्वपूर्ण तथ्य
- इस चरण में झारखंड के 12 जिलों की 38 सीटों पर मतदान हुआ।
- कुल 14,219 मतदान केंद्र स्थापित किए गए।
- 31 अतिसंवेदनशील केंद्रों पर शाम 4 बजे तक और अन्य पर 5 बजे तक मतदान हुआ।
- 528 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
- 1 करोड़ 23 लाख 58 हजार 195 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
निष्कर्ष
झारखंड में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दौरान जहां नागरिकों ने अपने अधिकारों का उपयोग किया, वहीं कुछ अप्रिय घटनाएं भी देखने को मिलीं। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए समय पर कदम उठाए।