Dussehra 2024: इस वर्ष का दशहरा पर्व मोहन सरकार और मंत्रियों के लिए खास होगा। प्रदेशभर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनके मंत्री दशहरे पर विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव इस बार महेश्वर में, जोकि महिला सशक्तिकरण और सुशासन का प्रतीक मानी जाने वाली लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की राजधानी रही है, विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन करेंगे। इसके बाद वह इंदौर के दौरे पर भी रहेंगे और वहां भी शस्त्र पूजन करेंगे।
महेश्वर में शस्त्र पूजन और इंदौर दौरा
मुख्यमंत्री द्वारा महेश्वर में शस्त्र पूजन के बाद, इंदौर में भी एक कार्यक्रम में शामिल होने की योजना है, जहां वह शस्त्र पूजन करेंगे। इसके साथ ही, प्रदेश के अन्य जनप्रतिनिधि, मंत्री, सांसद, और विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में स्थानीय पुलिस थानों, कोतवाली, और शस्त्रागार में शस्त्र पूजन करेंगे।
लोकमाता अहिल्या देवी को समर्पित दशहरा
सीएम मोहन यादव ने घोषणा की है कि इस वर्ष का दशहरा पर्व लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर को समर्पित रहेगा। उन्होंने कहा कि लोकमाता ने हमारे समाज को कई अनूठे और अनुकरणीय उदाहरण दिए हैं, जिन्हें नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी ज़िम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शस्त्र पूजन सिर्फ एक प्रशासनिक गतिविधि न रहकर, एक जन उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए ताकि हर वर्ग इस पर्व से जुड़ सके।
महेश्वर में कैबिनेट बैठक का आयोजन
महेश्वर में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक का आयोजन किया जाएगा। सरकार ने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी है, और जल्द ही यह बैठक होगी। इस बैठक का उद्देश्य लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर के अद्वितीय शासन और महिला कल्याण के कामों को फिर से समाज के सामने लाना है, जिससे नई पीढ़ियों को उनके योगदान का सही ज्ञान मिल सके।
मां अहिल्या की 300वीं जयंती
इस वर्ष लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती है। इस विशेष अवसर को राष्ट्रीय स्तर पर भी विभिन्न संगठनों द्वारा मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर से भी इस जयंती वर्ष के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे उनके योगदान को हर वर्ग में पहुँचाया जा सके।
कौन कहां करेगा शस्त्र पूजन?
- जगदीश देवड़ा (उप मुख्यमंत्री): भोपाल में
- राजेंद्र शुक्ल (उप मुख्यमंत्री): रीवा में
- राकेश सिंह (मंत्री): जबलपुर में
- नारायण कुशवाहा (मंत्री): ग्वालियर में
- गोविंद सिंह राजपूत (मंत्री): सागर में
इस प्रकार, 'दशहरा 2024' पूरे प्रदेश में बड़े उत्साह और नए जोश के साथ मनाया जाएगा, जहां परंपराओं और संस्कारों का सम्मान करते हुए महिला सशक्तीकरण और सुशासन के प्रतीक लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर के योगदान को भी एक नए रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।