मध्यप्रदेश के 11 लाख सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए दिवाली से पहले एक बड़ी खुशखबरी आ सकती है। राज्य की मोहन यादव सरकार इस बार दीपावली के त्यौहार को देखते हुए कर्मचारियों को अक्टूबर महीने की सैलरी एडवांस में देने पर विचार कर रही है। आमतौर पर सैलरी 1 या 2 नवंबर को दी जाती है, लेकिन इस बार सैलरी 28-29 अक्टूबर को कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर की जा सकती है। यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक बड़ा दिवाली उपहार साबित हो सकता है, जिससे वे इस त्योहार को और भी बेहतर तरीके से मना सकेंगे।
एडवांस सैलरी पर सरकार का विचार
मध्यप्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है। वित्त विभाग ने अक्टूबर की सैलरी एडवांस में देने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास भेजा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, अगर मुख्यमंत्री इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देते हैं, तो राज्य के 7 लाख नियमित अधिकारी और कर्मचारी और 4 लाख पेंशनधारी लाभान्वित होंगे।

कर्मचारी संगठनों की मांग
दीपावली के त्यौहार के मद्देनजर कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि अक्टूबर की सैलरी उन्हें एडवांस में दी जाए। इससे वे त्यौहार के खर्चों को आसानी से संभाल सकें और अपने परिवार के साथ दीपावली अच्छे से मना सकें। सरकार इस मांग पर गंभीरता से विचार कर रही है, और अगर सब कुछ सही रहा, तो कर्मचारियों को अक्टूबर की सैलरी तय समय से पहले ही मिल जाएगी।
सैलरी ट्रांसफर की प्रक्रिया
अगर सीएम मोहन यादव द्वारा प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाती है, तो कर्मचारियों को अक्टूबर महीने की सैलरी 28-29 तारीख को ही मिल जाएगी। आमतौर पर वेतन और पेंशन भुगतान के लिए बिल कोषालय में 28-29 तारीख को लगाए जाते हैं।
मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और भत्तों का कुल मासिक व्यय लगभग साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये है। यह पैसा 7 लाख नियमित कर्मचारियों और 4 लाख पेंशनधारियों के खातों में हर महीने के पहले दिन ट्रांसफर किया जाता है। लेकिन इस बार दीपावली के कारण सरकार द्वारा सैलरी को एडवांस में जारी करने की संभावना बन रही है।
निष्कर्ष
दीपावली का त्यौहार देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, और कर्मचारियों के लिए यह एक खास मौका होता है। अगर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा यह कदम उठाया जाता है, तो यह कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव इस प्रस्ताव पर क्या फैसला लेते हैं और क्या कर्मचारियों को इस साल दिवाली का तोहफा समय से पहले मिलता है या नहीं।