राहुल गांधी और कमलनाथ की मुलाकात: मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़ा फेरबदल संभव

राहुल गांधी और कमलनाथ की मुलाकात: मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़ा फेरबदल संभव

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राहुल गांधी और कमलनाथ की मुलाकात: मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़ा फेरबदल संभव
राहुल गांधी और कमलनाथ के बीच करीब 2 घंटे तक लंबी चर्चा हुई है।

मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अचानक मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर पहुंचे, जहां दोनों नेताओं ने एक साथ लंच किया। इस मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में बड़ी हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि इसे मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में संभावित बड़े बदलावों से जोड़ा जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी और कमलनाथ के बीच लगभग दो घंटे तक विस्तृत चर्चा हुई। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को लेकर गंभीर विचार-विमर्श हुआ। प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा पिछले कुछ समय से लंबित है, और हाल ही में जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि कार्यकारिणी की घोषणा जल्द ही होगी। हालांकि, विधानसभा और लोकसभा चुनावों के चलते यह प्रक्रिया टलती रही है।

राहुल गांधी की इस अचानक यात्रा को लेकर राजनीतिक विश्लेषक कई तरह की अटकलें लगा रहे हैं। कहा जा रहा है कि कमलनाथ को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न गुटों में संतुलन बनाए रखने की चुनौती के कारण भी प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा में देरी हो रही है, और इस मुलाकात के बाद संभव है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस संगठन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलें।

कमलनाथ ने इस मुलाकात के बाद राहुल गांधी का धन्यवाद व्यक्त किया और इसे बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आगामी चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस की रणनीति और संगठनात्मक ढांचे पर चर्चा हुई है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कांग्रेस मध्य प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में है, खासकर विधानसभा चुनावों के बाद और आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर।

इस मुलाकात से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस नेतृत्व प्रदेश में एक ठोस और व्यापक रणनीति पर काम कर रहा है, जो राज्य की राजनीति में पार्टी की स्थिति को और मजबूत कर सकती है। आने वाले दिनों में कांग्रेस द्वारा प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा के साथ ही संगठनात्मक बदलावों की औपचारिक पुष्टि हो सकती है।