भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान ने राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे के अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की पोल खोल दी है।
धारावी पुनर्विकास परियोजना पर बयानबाजी
अमित मालवीय ने शरद पवार के एक इंटरव्यू की वीडियो क्लिप साझा की, जिसमें एनसीपी प्रमुख ने कहा था कि धारावी पुनर्विकास परियोजना को लेकर अडानी समूह का कोई जुड़ाव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि परियोजना किसी अन्य कंपनी को सौंपी गई थी और अडानी समूह इसमें रुचि नहीं रखता था।
इस वीडियो को साझा करते हुए मालवीय ने लिखा,
"शरद पवार ने राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे के अडानी पर हमलों को बकवास करार दिया है। यह बयान न केवल एमवीए की पोल खोलता है, बल्कि गठबंधन के लिए शर्मिंदगी भरा है। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार ने ही धारावी परियोजना का ठेका अडानी समूह को सौंपा था।"
धारावी पुनर्विकास परियोजना: चुनावी अखाड़े में मुद्दा
धारावी पुनर्विकास परियोजना एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती को आधुनिक स्वरूप देने की महत्वाकांक्षी योजना है। महाराष्ट्र सरकार और अडानी समूह के इस संयुक्त उपक्रम को लेकर राजनीति गर्म है। 2022 में शिंदे-फडणवीस सरकार ने यह परियोजना अडानी समूह को सौंप दी थी, जिसके बाद से विपक्ष ने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।
उद्धव ठाकरे ने इसे मुंबई और महाराष्ट्र के भविष्य से जुड़ा मुद्दा बताते हुए कहा था कि,
"धारावी परियोजना सिर्फ झुग्गी पुनर्विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे मुंबई के नागरिकों के जीवन पर असर डालेगी।"
धारावी: कांग्रेस का राजनीतिक गढ़
धारावी, जो अपनी विविधता और मुंबई की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है, पिछले दो दशकों से कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है। इस बार यहां कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. ज्योति गायकवाड़, जो पूर्व विधायक वर्षा गायकवाड़ की बहन हैं, का मुकाबला एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के राजेश खंडारे से होगा।
शरद पवार के बयान का चुनाव पर प्रभाव
शरद पवार का बयान महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आया है और इसे एमवीए के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। भाजपा इसे एमवीए गठबंधन में फूट के संकेत के रूप में पेश कर रही है।
धारावी चुनाव: मुंबई का राजनीतिक भविष्य दांव पर
धारावी का आगामी चुनाव न केवल इस पुनर्विकास परियोजना के भविष्य को तय करेगा, बल्कि यह भी निर्धारित करेगा कि मुंबई का राजनीतिक परिदृश्य किस ओर मुड़ेगा। क्या शरद पवार के बयान से महा विकास अघाड़ी को नुकसान होगा? या धारावी के मतदाता इस विवाद को दरकिनार करते हुए अपना फैसला करेंगे?
आने वाले चुनाव परिणाम न केवल धारावी की दिशा बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होंगे।