Tirupati Laddu विवाद: देशभर के मंदिरों में मिष्ठान प्रसाद पर रोक

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में ‘लड्डू प्रसादम’ बनाने के लिए उपयोग किए गए घी में पशु की चर्बी की मिलावट के मामले में उठे विवाद ने देशभर के प्रमुख मंदिरों में मिष्ठान प्रसाद लाने पर रोक लगाने का कारण बना दिया है।

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Tirupati Laddu विवाद: देशभर के मंदिरों में मिष्ठान प्रसाद पर रोक
देशभर के मंदिरों में मिष्ठान प्रसाद पर रोक

Tirupati Laddu विवाद: देशभर के मंदिरों में मिष्ठान प्रसाद पर रोक

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में ‘लड्डू प्रसादम’ बनाने के लिए उपयोग किए गए घी में पशु की चर्बी की मिलावट के मामले में उठे विवाद ने देशभर के प्रमुख मंदिरों में मिष्ठान प्रसाद लाने पर रोक लगाने का कारण बना दिया है। तिरुपति के इस प्रसाद को लेकर भक्तों में चिंताएं बढ़ गई हैं, जिसके चलते मथुरा के सभी मंदिरों में भी मिष्ठान प्रसाद को चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

मथुरा में नया निर्णय

वृंदावन के एक स्थानीय धार्मिक संगठन, ‘धर्म रक्षा संघ’, ने घोषणा की है कि वे अब कृष्ण नगरी के मंदिरों में बाजार में मिलने वाली मिठाइयों के स्थान पर प्राचीन और शुद्ध प्रसाद चढ़ाने का निर्णय ले चुके हैं। संगठन ने फल, फूल, पंचमेवा, इलायची के बीज और मिश्री जैसे विकल्पों को अपनाने का निर्णय लिया है, ताकि भक्तों को शुद्धता का अनुभव हो सके।

प्रयागराज के मंदिरों में मिष्ठान पर रोक

प्रयागराज के प्रमुख मंदिरों में भी तिरुपति विवाद के चलते मिष्ठान प्रसाद लाने पर रोक लगा दी गई है। मंदिरों के महंतों ने भक्तों से अनुरोध किया है कि वे बाहर से लाए गए लड्डू, पेड़े आदि चढ़ाने के बजाय शुद्ध और घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता दें। नारियल, इलायची दाना, सूखे मेवे आदि का चढ़ाना इस निर्णय के तहत किया गया है, क्योंकि ये मिलावट से मुक्त हैं और भक्तों के लिए शुद्धता सुनिश्चित करते हैं।

बजरंगबली को गुड़-चने का प्रसाद

संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर के संरक्षक और श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के महंत बलबीर गिरि जी महाराज ने कहा कि मंदिर का कॉरिडोर निर्माण पूरा होने के बाद, श्री बड़े हनुमान मंदिर में लड्डू और पेड़े का प्रसाद मंदिर प्रबंधन द्वारा स्वयं बनाया जाएगा। तब तक बजरंगबली को चना और गुड़ का प्रसाद अर्पित किया जाएगा। यह निर्णय भक्तों की सुरक्षा और शुद्धता के ध्यान में रखा गया है।

मनकामेश्वर मंदिर में फल का प्रसाद

यमुना तट पर स्थित मनकामेश्वर मंदिर के महंत श्रीधरानंद ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा कि तिरुपति विवाद के बाद उन्होंने अपने मंदिर में बाहर से प्रसाद लाने पर रोक लगा दी है। उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखा है ताकि मंदिर के बाहर दुकानों में उपलब्ध लड्डू और पेड़े की जांच कराई जा सके। जब तक मिठाई की शुद्धता की पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक इन्हें मंदिर में चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमारे लिए मिठाई से अधिक महत्वपूर्ण फल हैं, और हम श्रद्धालुओं को फल चढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगे

ललितादेवी मंदिर में चढ़ेंगे नारियल, फल, सूखे मेवे

प्रयागराज की प्रसिद्ध ललितादेवी मंदिर के मुख्य पुजारी शिव मूरत मिश्र ने बताया कि मंदिर प्रबंधन की बैठक में निर्णय लिया गया कि मंदिर में अब मिष्ठान प्रसाद देवी को भोग नहीं लगाया जाएगा। इसके बजाय भक्तों से नारियल, फल, सूखे मेवे, इलायची दाना आदि चढ़ाने का अनुरोध किया गया है। भविष्य में मंदिर परिसर में ऐसी दुकानें खोले जाने की योजना है, जहां भक्तों को शुद्ध मिष्ठान प्रसाद उपलब्ध हो सके।

अलोप शंकरी मंदिर में घर में बना प्रसाद

अलोप शंकरी मंदिर के मुख्य संरक्षक और पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव यमुना पुरी महाराज ने कहा कि मिठाई प्रसाद को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई भक्त भोग लगाना चाहता है, तो वह केवल घर में बने प्रसाद या फल-फूल अर्पित कर सकता है। यह निर्णय भक्तों की भलाई और मंदिर की परंपराओं की रक्षा के लिए लिया गया है।

निष्कर्ष

यह सभी कदम श्रद्धालुओं के लिए शुद्धता सुनिश्चित करने और मंदिरों की परंपराओं को बनाए रखने के लिए उठाए गए हैं। भक्तों को इस नए दिशा-निर्देश के अनुसार प्रसाद अर्पित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि सभी को एक सुरक्षित और शुद्ध धार्मिक अनुभव मिल सके।