राष्ट्रीय मुद्दों और सामाजिक परिवर्तन पर होगा फोकस
केरल के पलक्कड़ जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक का शुभारंभ हो गया है। यह बैठक 31 अगस्त से शुरू हुई है, जिसमें संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने अहल्या परिसर, पलक्कड़ में एक प्रेस वार्ता के दौरान इसकी जानकारी दी।
इस बैठक में विभिन्न राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जहां संघ से प्रेरित संगठनों के अनुभव, दृष्टिकोण, और जमीनी स्तर के अनुभवों को एक समेकित राष्ट्रीय दृष्टिकोण तैयार करने के लिए चर्चा में लाया जाएगा। सुनील आंबेकर ने कहा कि यद्यपि ये सभी संगठन संघ से प्रेरित हैं, फिर भी ये संगठन अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से विस्तार कर रहे हैं और संगठनात्मक मजबूती हासिल कर रहे हैं।
संघ के 73,000 शाखाओं के व्यापक नेटवर्क के बावजूद, इसकी सफलता का मुख्य मापन सामाजिक परिवर्तन के उद्देश्य से किया जाता है। इस बैठक में 32 संघ-प्रेरित संगठन भाग ले रहे हैं, जिनमें संगठनों के अखिल भारतीय अध्यक्ष, संगठन मंत्री, और अन्य राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भी शामिल हैं। कुल 230 प्रतिनिधि और 90 राष्ट्रीय स्तर के संघ पदाधिकारी इस बैठक में शिरकत करेंगे।
यद्यपि इससे पहले भी केरल में संघ की कई राष्ट्रीय स्तर की बैठकें हो चुकी हैं, यह पहली बार है जब राज्य में अखिल भारतीय समन्वय बैठक आयोजित की जा रही है। यह तीन दिवसीय बैठक सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, और सभी छह सह सरकार्यवाहों की उपस्थिति में होगी। सभी कार्य विभाग प्रमुख भी इस बैठक का हिस्सा होंगे।
संघ अपने शताब्दी वर्ष में पांच प्रमुख क्षेत्रों— सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय स्वत्व, और नागरिक कर्तव्य— के आधार पर एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक परिवर्तन की योजना बना रहा है, जिस पर इस बैठक में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
प्रेस वार्ता में अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख प्रदीप जोशी और उत्तर केरल प्रांत संघचालक एडवोकेट के.के. बलराम भी उपस्थित थे।