झांसी मेडिकल कॉलेज हादसा: प्रधानमंत्री मोदी ने पीड़ित परिवारों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष’ (PMNRF) से अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है।

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झांसी मेडिकल कॉलेज हादसा: प्रधानमंत्री मोदी ने पीड़ित परिवारों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

झांसी मेडिकल कॉलेज हादसा: प्रधानमंत्री मोदी ने पीड़ित परिवारों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की

उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित ‘महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज’ के एनआईसीयू वार्ड में लगी भीषण आग के कारण 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष’ (PMNRF) से अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है।

पीएमओ का आधिकारिक बयान:
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस हादसे के प्रति संवेदना जताते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया। पोस्ट में कहा गया, “उत्तर प्रदेश के झांसी में मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने की घटना हृदय विदारक है। इसमें अपने मासूम बच्चों को खोने वाले माता-पिता के प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।”

इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि इस हादसे में जान गंवाने वाले हर बच्चे के परिवार को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। वहीं, इस घटना में घायल हुए शिशुओं के परिजनों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

घटना का विवरण: एनआईसीयू वार्ड में कैसे लगी आग?

इस दुखद घटना की शुरुआत शुक्रवार को उस समय हुई, जब ‘महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज’ के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) वार्ड में अचानक आग लग गई। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. सचिन माहौर ने बताया कि एनआईसीयू वार्ड में कुल 54 बच्चे भर्ती थे। प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी।

डॉ. माहौर ने कहा, “अस्पताल के कर्मचारियों ने आग पर काबू पाने के लिए तुरंत कदम उठाए, लेकिन कमरे में अत्यधिक ऑक्सीजन की मात्रा होने के कारण आग तेजी से फैल गई। हालांकि, 47 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। घायलों का इलाज जारी है और उन्हें हर संभव चिकित्सा सहायता दी जा रही है।”

वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रियाएं

इस हृदयविदारक घटना पर देश के वरिष्ठ नेताओं ने भी गहरा दुख प्रकट किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना को लेकर अपनी संवेदना व्यक्त की और ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “झांसी मेडिकल कॉलेज में आग की घटना अत्यंत दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं और घायल बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को घटना की विस्तृत जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस घटना पर शोक प्रकट किया और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी से देश का हर नागरिक व्यथित है।

सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्य

घटना के बाद राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित करने का निर्देश दिया है, जो 48 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके अलावा, उन्होंने घायल शिशुओं के बेहतर इलाज के लिए सभी संभव कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

इस हादसे ने अस्पतालों में सुरक्षा मानकों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। झांसी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि घटना के पीछे की वजहों का पता लगाने के लिए एक व्यापक जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

देशभर में गमगीन माहौल

झांसी मेडिकल कॉलेज की यह घटना पूरे देश में चिंता का विषय बन गई है। नवजात शिशुओं की मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। कई सामाजिक संगठनों ने अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता का ऐलान राहत का कुछ मरहम जरूर है, लेकिन उन माता-पिताओं के लिए यह सदमा जिंदगी भर का है जिन्होंने अपने नवजात शिशुओं को इस त्रासदी में खो दिया।

इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था और सुरक्षा मानकों की मजबूती की आवश्यकता को उजागर किया है। उम्मीद की जा रही है कि इस घटना के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।